कोरोना वायरस- चीन के वुहान से 300 भारतीय नागरिकों की निकासी योजना पर काम शुरू

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चीन के हुबेई प्रान्त में कोरोना वायरस संक्रमण संकट के बीच भारत अपने नागरिकों को बाहर निकलने योजना भी बना रहा है. इस कड़ी में सोमवार को कैबिनेट सचिव राजीव गाबा के अध्यक्षता में बहु मंत्रालयी बैठक में सर्वाधिक प्रभावित वुहान शहर से भारतीयों की निकासी योजना पर काम शुरू करने का फैसला लिया गया. बीजिंग स्थित भारत का दूतावास चीनी प्रशासन के साथ मिलकर भारतीयों तक मदद पहुंचाने में भी लगा है.

 

कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में 27 जनवरी को हुई बैठक के दौरान चीन में ‘नोवल कोरानावायरस’ संक्रमण से उपजे हालात और बचाव के उपायों की उच्च स्तरीय समीक्षा की गई. बैठक में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य, विदेश, नागर विमानन, श्रम, रक्षा तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव और राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्‍य सचिव और महानिदेशक (सशस्‍त्र सेना चिकित्‍सा सेवा) भी मौजूद थे.

 

सरकारी अधिकारियों के मुताबिक 26 जनवरी 2020 तक 137 विमानों से आए कुल यात्री संख्‍या 29707 की स्क्रिनिंग की जा चुकी है. इस दौरान 12 यात्रियों के नमूने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (इनआईवी), पुणे को जांच के लिए भेजे गये हैं. हालांकि राहत की बात है कि अभी तक किसी व्‍यक्ति में खतरनाक वायरस के लक्षण नहीं पाए गए हैं.

 

इस बीच बैठक में दिए प्रेजेंटेशन में केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि चीन से प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष कनेक्टिविटी वाले सभी विमानों में बीमारी की सूचना देने वाले किसी भी व्‍यक्ति के बारे में जानकारी उपलब्ध कराए जाने के लिए निर्देश जारी किए का चुके हैं. इसके अलावा हवाई अड्डों और विमानों में भी में भी उद्घोषणा की जा रही है.

 

इस बीच सूत्रों के मुताबिक 400 सीट वाले एक बोइंग 747 विमान को मुंबई में किसी भी अपात उड़ान के लिए तैयार रखा गया है. इस विमान का इस्तेमाल वुहान से भारतीयों के लिए होने वाली संभावित निकासी अभियान के लिए किया जा सकता है.

 

वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बैठक को सूचित किया कि नेपाल से लगी एकीकृत सीमा चेक पोस्टों द्वारा आने वालों की स्क्रीनिंग करने सुनिश्चित करने के लिए भी सभी राज्यों से कहा गया है. इसके लिए राज्य सरकारों से चेक पोस्टों पर स्वास्थ्य कर्मी उपलब्ध कराने को भी कहा गया है. साथ ही एसएसबी, बीएसएफ और आव्रजन अधिकारियों को भी इस बाबत आगाह किया गया है.

चीन में फैले वायरस का भारत में प्रवेश न हो सके इसके लिए, चीन से आने वाले समुद्री जहाजों के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाहों पर प्रवेश करते वक्त स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है.

इस बीच नेपाल सीमा से लगे 5 राज्यों में स्क्रीनिंग और तैयारी की समीक्षा के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मुख्य सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा गया कि वे स्वास्थ्य कर्मियों के जरिये यात्रियों की सामुदायिक स्तरीय निगरानी सुनिश्चित को भी करें.

 

कैबिनेट सचिव की अगुवाई में हुई बैठक में लिए एक अहम फैसले के तहत वायरस प्रभावित वुहान शहर में मौजूद भारतीय नागरिकों की संभावित निकासी के लिए भी तैयारी शुरु करने का फैसला लिया गया. इस कड़ी में नागरिक उड्डयन मंत्रालय और केन्द्री स्वास्थ्य मंत्रालय को क्रमशः यातायात और संगरोधन (क्वारन्टीन) की सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है. इसके अधार पर विदेश मंत्रालय चीनी अधिकारियों से आग्रह करेगा.

 

महत्वपूर्ण है को वायरस संक्रमण का केंद्र कहलाने वाले वुहान शहर में ही करीब 200 भारतीय नागरिक मौजूद हैं. जिनमें बड़ी संख्या छात्रों की है. वुहान समेत हुबेई प्रांत के कई शहरों सार्वजनिक यातायात बन्द कर दिया गया है. वहां मौजूद की छात्रों सके मुताबिक़ पूरा शहर एक किस्म की तालाबंदी में है.संक्रमण न फैले इसके लिए छात्रों समेत सभी नागरिकों को घरों में ही रहने को कहा गया है. ऐसे में लोगों के खाने-पीने ल.समान व आवश्यक वस्तुओं की भी खासी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

 

बीजिंग में भारतीय दूतावास अधिकारियों के मुताबिक भारतीय नागरिकों को वुहान में भोजन-पानी व ज़रूरी समान की कमी न हो इसके लिए चीन सरकार से भी लगातार संवाद बरकरार है. साथ ही दूतावास भारतीय नागरिको से भी सम्पर्क बनाए हुए है.

 

दूतावास ने चीन के हुबेई प्रांत में मौजूद उन सभी भारतीयों से अपनी जानकारियां साझा करने को कहा है जिनके पास वीज़ा एक्सटेंशन या वर्क परमिट से जुड़े कारणों के चलते अपने पासपोर्ट मौजूद नहीं हैं. उन्हें सम्बंधित अधिकारी या संस्था के बारे में बताने को भी कहा गया है जिसके पास उनका पासपोर्ट मौजूद है.