कोरोना वायरस- जनता कर्फ्यू की अपील के बाद डिपार्टमेंटल स्टोर व राशन की दुकानों पर उमड़ी भीड़

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बावजूद डिपार्टमेंटल स्टोर व राशन की दुकानों पर शुक्रवार को भीड़ टूटी। उन्होंने लोगों को समझाया था कि घबराहट की स्थिति पैदा न करें और न ही स्टॉक करें। इस अपील को लोग दरकिनार करते नजर आए। शुक्रवार को नुमाइश मैदान में लगने वाले साप्ताहिक बाजार में भी भीड़ रही।

कोरोना के प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की अपील की है। इसके बाद से कोराना की भयावहता को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कई दिनों तक घरों में बंद रहने की आशंका के चलते खाद्य पदार्थों का स्टॉक करने में लगे हैं। शुक्रवार को कनवरी गंज, किलाटगंज, बारहद्वारी आदि इलाकों में राशन खरीदने के लिए लोग उमड़े। शहर में लोगों में जरूरत की वस्तुएं, खाद्य सामग्री, चीनी, आटा, दाल, नमक, घी, तेल, रिफाइंड, चावल आदि खरीदने के लिए मारामारी रही। इस स्थिति का असर आम जनता पर पड़ा है। देखादेखी लोग राशन स्टॉक करने में जुटे हैं, जब कि यह गलत है। ऐसी स्थिति में लोगों को समझदारी से काम लेने की आवश्यकता है।

रिटेल विक्रेता ललित कुमार ने बताया कि बाजार में बहुत मंदी है। हम ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं। सड़कें खाली हैं। केवल खाद्य सामग्री की दुकानों पर लोग हैं, बाकी अन्य सामान के लिए कोई मांग नहीं है। थोक व्यापारी हरिकिशन ने बताया कि पहले जहां लोग एक हफ्ते का राशन खरीद रहे थे, वहीं पर अब एक महीने का राशन खरीद रहे हैं। बाजार में हरदुआगंज, टप्पल, जट्टारी, खैर आदि से भी लोग राशन खरीदने आ रहे हैं।

गृहणी मानसी वर्मा का कहना है कि कोरोना के चलते बेहद असहजता की स्थिति है। पता नहीं आगे क्या होने वाला है। सब कुछ बंद हो जाएगा तो खाने पीने के सामान की आपूर्ति कैसे होगी। कविता मित्तल ने कहा कि घर में एक सीमा तक ही राशन भरा जा सकता है। कुछ जरूरी चीजों का संग्रह किया है लेकिन बड़ी आशंका हो चली है कि अगर मामला लंबा खिंचता है तो बड़ी दिक्कत होगी। मनीष वार्ष्णेय ने कहा कि कुछ पैसा नगद अपने पास रखा है और कुछ एटीएम से निकाला है। अगर जनता कर्फ्यू की अवधि बढ़ती है तो परेशानी भी बढ़ सकती है। इमराज राजा ने कहा कि हर तरफ अनिश्चितता का माहौल है। ऐसे में जरूरी खर्चों के लिए कैश रखना बेहद जरूरी है। जरूरी सामान भी घर में संग्रह कर लिया गया है