कोरोना वायरस : रिसर्च में नया दावा इस जीव से फैला वायरस !

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चीन में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या करीब 772 तक पहुंच चुकी हैं । वहीं, इस विषाणु से संक्रमित होने के अब तक करीब 34,546 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है। अभी तक यह माना जा रहा था कि चाइना के वुहान से फैला कोरोना वायरस चमगादड़ या सांप से मनुष्‍यों में फैला है। लेकिन चाइना के वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में किए गए शोध में कुछ और ही सच का खुलासा हुआ हैं।

हाल ही में वैज्ञानिकों के द्वारा की गई खोज में यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस सांप या चमगादड़ से नहीं बल्कि पैंगोलिन नामक वन्‍य जीव के कारण मनुष्‍यों में फैला हैं। साउथ चाइना एग्रीकल्‍चर विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर ये खुलासा किया है। विवि ने अपनी वेबसाइड पर जारी बयान में कहा कि है कोरोना वायरस पर उनके द्वारा की गई रिसर्च के अनुसार कोरोना वायरस की रोकथाम और नियंत्रण किया जा सकता है।

पैंगोलिन के जरिए मनुष्‍य में यह बीमारी आई है। बता दें चाइना के वैज्ञानिकों की रिसर्च के अनुसार कोरोना के स्ट्रेन का जीनोम,पैंगोलिन से मिले जीनोम से 99 प्रतिशत मिलता है। इस खोज में पता चला है कि कोरोना के मनुष्य में आने में वन्य जीव पैंगोलिन की भूमिका हो सकती हैं। इसी कारण पैंगोलिन के जरिए मनुष्‍य में यह बीमारी आई है।

अब तक अनुमान लगाए जा रहे थे कि चमगादड़ और सांपों से कोरोना का वायरस फैला। लेकिन नवीन शोध में पुष्टि हो चुकी है कि इसका कारण पैंगोलिन हैं। चाइना की न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने भी ऐसी ही रिपोर्ट जारी कि है,जिसमें कहा गया है कि शोध के मुताबिक पैंगोलिन से इंसानों इस बीमारी के आने की आशंका सबसे अधिक है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है।

नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है। इसके संक्रमण से बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं हो जाती हैं। यह न्यूमोनिया का कारण भी बन सकता है। हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।