कोरोना वायरस से बचने को बरेलवी उलेमा ने किया ये ऐलान

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कोरोना वायरस से बचने के के लिए बरेलवी मसलक के उलेमा ने मुसलमानों को हिदायत दी है। उन्होंने कहा है कि शासन की गाइडलाइन के मुताबिक लॉक डाउन में मुसलमान सहयोग करें और भीड़भाड़ से बचने की कोशिश करें।

उलेमा ने यह भी अपील की है कि मस्जिदों में कम संख्या में लोग नमाज के लिए जाएं ताकि कोरोना वायरस की रोकथाम हो सके।ऑल इंडिया तंन्जीम उल्मा-ए-इस्लाम ने अपील जारी करके मसालमानों से मस्जिदों में नमाजियों की संख्या कम करने और सफाई रखने का अपील की है।

सुन्नी बरेलवी मुस्लिम धर्म गुरु और तन्जी़म के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने आपने जारी किये गए बयान में कहा कि मस्जिदों से बिल्कुल ला-तालूक होना दुरूस्त नहीं है। बल्कि मुक्मल ऐहतियात बरतने के साथ 5 वक्त की नमाज़ पढ़ने और दुआ मागने का सिलसिला जारी रखे।

इस दौरान भीड़ जमा न होने दे, ऐसे वक्त में जो जहां है वही ठहरा रहे एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने से बचे, यही तरिका सहाबा का था। मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने आगे कहा कि 24 घंटे में सिर्फ 5 वक्त की नमाज़े है और हर नमाज़ सिर्फ 10-15 मिनट में मुकम्मल हो जाती है।

पूरे साल में सिर्फ 1 महीना रोज़ा रखना फर्ज़ है इसके अलावा जो भी फराईज़ है उन सब में सेहत और अपनी जान की हिफाज़त करने का खास़ ख्याल रखने के लिए कहा गया है। मस्जिदों के सिलसिले में ये बात जहन में रखे की वहा सफाई का खास़ ख्याल रखे, ज्यादा लोग जमा न हो एहतियात के साथ घर से वजू करके मस्जिद में जाये फर्ज नमाज़ मस्जिद में पढ़कर वापस घर आये। बाकी नमाज़े घर पर ही पढ़े, मस्जिदों को मुकम्मल बन्द न करें। कोरोना वायरस से बचने के लिए दुआ मागें।

करोना से बचने के लिए प्रशासन का साथ दे मुसलमान:मुफ्ती साजिद हसनी

अहले सुन्नत रिसर्च सेंटर के डिवीजनल अध्यक्ष व स्कालर मुस्लिम धर्म गुरू मौलाना मुफ़्ती साजिद हसनी कादरी ने कहा कि कोरोना वायरस से अधिक खतरनाक नफरत का वायरस है। उन्होंने कहा कि हम कोरोना से बचने के लिए मास्क तो पहन रहे हैं लेकिन नफरत से बचने के लिए ज़हरीली जुबानों को नहीं रोक रहे हैं। हम वायरस से बचने के लिए बार बार हैंडवाश या साबुन से हाथ धो रहे हैं लेकिन उन हाथों को लोगों की मदद के लिए नहीं बढ़ा रहे। खांसते या छींकते वक़्त बीमारी के डर से मुंह को ढक रहे हैं लेकिन किसी जरूरतमंद के कपड़ों का इंतजाम नहीं कर रहे।

उन्होंने कहा कि हम कोरोना को सुन्नते रसूल पे अमल कर हरा देंगे क्योंकि डॉक्टर जो बचाव के तरीके बता रहे हैं वह नबी की सुन्नत है। इसी तरह हम नफरत के वायरस को भी नबी की सुन्नत पर अमल कर हरा सकते हैं। जो सूफिया ने करके दिखाया और संदेश सुनाया कि नफरत किसी से नहीं मोहब्बत सबके लिए है। हम मुसलमानो से अपील करते है कि कोरोना वायरस से छुटकारे के लिए मुल्क में अमन और शांति के लिए मुसलमान पांच वक्त की नमाज और अपनी अपनी छतों पर अज़ान पढ़े । हुकूमत का साथ दे हुकूमत द्वारा दिये गए आदेशो का पालन करे।