कोरोना संकट : भारत की मदद के लिए गूगल, माइक्रोसॉफ्ट के बाद एप्पल ने भी बढ़ाया कदम

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सैन फ्रांसिस्को, 27 अप्रैल । तकनीकी दिग्गज गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल भी कोरोनावायरस के प्रकोप से जूझ रहे भारत की मदद के लिए आगे आई है।

एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक ने कहा है कि वो इस कठिन परिस्थिति में भारत की मदद करेंगे और भारत की मदद के लिए रिलीफ फंड जारी करेंगे।

एप्पल सीईओ टिम कुक ने कहा है कि भारत में कोविड मामलों की विनाशकारी वृद्धि के बीच उनकी कंपनी मेडिकल वर्कर्स के साथ है और एप्पल परिवार हर उस टीम और लोग के साथ है, जो इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और लोगों की मदद करने के लिए एप्पल रिलीफ फंड जारी करेगा।

भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर अपने चरम पर है और इन दिनों यह कहर बरपा रही है। फिछले कुछ हफ्तों में भारत में जानलेवा वायरस की वजह से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। संकट के इस समय में दुनिया के अलग अलग हिस्सों से भारत को मदद मिल रही है। इससे पहले गूगल और अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई और माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने भी इस संकट की घड़ी में भारत की मदद करने की घोषणा की थी।

सुंदर पिचाई ने कहा है कि भारत में कोविड-19 के बिगड़ते हालात को देखते हुए गूगल और गूगलर्स गिवइंडिया यूनिसेफ को मेडिकल सप्लाई के लिए 135 करोड़ रुपये का फंड देंगे, ताकी बीमारी के गंभीर मरीजों की जान बचाई जा सके और लोगों की मदद हो।

दूसरी ओर नडेला ने कहा है कि उनकी कंपनी अपने संसाधनों को जुटाकर देश की मदद करेगी।

माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला ने एक ट्वीट करते हुए कहा है कि भारत की स्थिति देख कर मेरा दिल टूट रहा है। मैं भारत की मदद करने के लिए अमेरिकी की सरकार का शुक्रगुजार हूं। माइक्रोसॉफ्ट भारत की इस नाजुक स्थिति में हर तरह से मदद के लिए तैयार है। भारत को राहत पहुंचाने के लिए ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेशन्स मशीनों की खरीद के लिए हम अपने संसाधनों से यथा संभव मदद करेंगे।

भारत अब तक महामारी में अपने सबसे कठिन क्षण से गुजर रहा है।

यहां रोजाना कोविड-19 मामलों में रिकॉर्ड उछाल देखा जा रहा है। अधिकतर शहरों के अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड से लेकर ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं की भारी कमी है। रोगियों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए भारत को तत्काल ऑक्सीजन आपूर्ति की आवश्यकता है।

Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.