कोरोना संकट : भारत की मदद के लिए आगे आए 40 अमेरिकी कंपनियों के सीईओ

   

वाशिंगटन, 27 अप्रैल । तकनीकी दिग्गज गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल की ओर से कोरोनावायरस की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की मदद के लिए आगे आने के बाद अब अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स और अमेरिका की शीर्ष 40 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है।

कोरोना की खतरनाक लहर का सामना कर रहे भारत की मदद करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए 40 कंपनियों के सीईओ सोमवार को एक ग्लोबल टास्क फोर्स के गठन के लिए एकजुट हुए हैं।

नई अमेरिकी पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप – ए ग्लोबल टास्क फोर्स ऑन पैनडमिक रिस्पांस : भारत के लिए जुटना – कोरोनावायरस मामलों में अभूतपूर्व उछाल के बीच देश को महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति, टीके, ऑक्सीजन और अन्य जीवन रक्षक सहायता प्रदान करेगी।

यह साझेदारी यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स की यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम एंड बिजनेस राउंडटेबल की सामूहिक पहल है।

यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुजैन क्लार्क ने एक बयान में कहा कि हमारे वैश्विक भागीदारों को एक भयानक स्वास्थ्य संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसके लिए एक पर्याप्त सार्वजनिक-निजी प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस वैश्विक संकट के लिए एक वैश्विक प्रतिक्रिया की सख्त जरूरत है।

यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स फाउंडेशन ने भारत के कोविड-19 संकट के लिए संसाधन विकसित किए हैं, जिसमें एक पोर्टल भी शामिल है, जिसके माध्यम से अमेरिकी कंपनियां दान दे सकती हैं।

कलार्क ने यह भी कि वह वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को समझते हैं।

उन्होंने भारत के लिए हरसंभव मदद का भरोसा जताते हुए कहा कि हम साथ मिलकर जो कदम उठाते हैं, वह दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश की मदद कर सकता है और सुरक्षित एवं प्रभावी टीके अधिक व्यापक और विश्व स्तर पर उपलब्ध होने तक वायरस से निपटने के लिए एक राहत प्रदान कर सकता है।

किसी देश में जन स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए बने अपनी तरह के पहले ग्लोबल टास्क फोर्स को अमेरिका के विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने संबोधित किया। ब्लिंकन ने ट्वीट कर कहा कि यह बातचीत दिखाती है कि कैसे भारत के कोविड-19 संकट के समाधान के लिए अमेरिका और भारत अमेरिकी निजी क्षेत्र की विशेषज्ञता और क्षमताओं का लाभ उठा सकते हैं।

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया था कि अमेरिका महामारी से लड़ने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा।

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