कोरोना संकट- लॉकडाउन में ज्यादा बढ़ा डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल

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पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप झेल रही है। दुनियाभर में इस वायरस से मरने वालों की संख्या दो लाख 39 हजार से ज्यादा हो गई है और संक्रमितों की संख्या 33 लाख को पार कर गई है। कोरोना के दौरान तकनीक एक बड़ा जरिया बनकर सामने आई है।

लॉकडाउन में समाज को गतिशील रखने में तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक महामारी ने तकनीक को नई रफ्तार दे दी है। लॉकडाउन  में डिजिटल पेमेंट, ड्रोन डिलीवीरी और रोबोटिक्स समेत कई क्षेत्रों को ऑनलाइन बढ़ावा मिला है।

दुनियाभर में ऑनलाइल कारोबार खुले रहने के बावजूद ये तकनीक कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से भी रोक रही है।

आने वाले समय में 5जी की अहम भूमिका होगी क्योंकि इंटरनेट की तेज रफ्तार कई चीजों में बदलाव ला देगी।
कोरोना की वजह से इन क्षेत्रों में आया तकनीकी बदलाव
कोरोना वायरस के दौर में डिजिटल पेमेंट में इजाफा हुआ है। कागज के नोटों से वायरस फैलने की संभावना के चलते लोग कार्ड या ई-वॉलेट से पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं।

कोरोना में टेलीहेल्थ में बढ़ोतरी हुई है। टेलीहेल्थ संक्रमण नियंत्रित करने का प्रभावी तरीका है। वियरेबल डिवाइस और चैटबोट से मरीजों के लक्षणों के आधार पर शुरुआती निदान किया जा रहा है।

लॉकडाउन के चलते ऑनलाइन शॉपिंग और रोबोट से डिलीवरी में तेजी आई है।  2002 में सार्स वायरस की वजह से चीन में ऑनलाइन बाजार में जबरदस्त इजाफा हुआ था।  कोरोना दौर में वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ा है। इसमें वीपीएन, वॉयसओवर, वर्चुअल मीटिंग्स, क्लाउड टेक्नोलॉजी शामिल हैं।

स्कूल और कॉलेज बंद होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई का चलन बढ़ा है।
कोरोना की वजह से ऑनलाइन मनोरंजन को बढ़ावा मिला है। फिल्में ऑनलाइन रिलीज हो रही हैं।
ऑनलाइन गेमिंग में भी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।