श्रीनगर, 30 जुलाई । कश्मीर के विभिन्न अस्पतालों में गुरुवार को दस कोविड -19 मरीजों की मौत हो गई, फिर भी स्थानीय लोगों ने ईद की पूर्व संध्या पर सावधानी को ताक पर खरीदारी जारी रखी।
डॉक्टरों ने कहा कि उनके तगड़े प्रयासों के बाद भी कोविड के 10 रोगियों ने कश्मीर संभाग के विभिन्न अस्पतालों में दम तोड़ दिया।
जम्मू और कश्मीर में अब तक 358 लोग इस जानलेवा वायरस के कारण मारे जा चुके हैं। यहां रोजाना पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है।
अधिकारियों ने ईद की पूर्व संध्या पर लोगों को आवश्यक वस्तुएं खरीदने की अनुमति देने के लिए बुधवार को घाटी में फिर से लगाए गए लॉकडाउन को हटा दिया था।
ईद-उल-अजहा 1 अगस्त को मनाई जा रही है।
वहीं दंडात्मक कार्रवाई और चेतावनियों के बावजूद लोग बड़ी संख्या में श्रीनगर शहर और अन्य जगहों पर लोग बलि के जानवरों के बाजारों में घूमते दिखाई दिए।
बेकरी आउटलेट में भी कुछ ही लोग मास्क पहने नजर आए।
फेस मास्क न पहनने के कारण लगने वाले जुर्माने से बचने के लिए कई स्थानीय लोग मास्क से नाक ढंकने की बजाय इसे अपनी ठुड्डी के पास लटकाकर घूम रहे हैं।
नाम न बताने की इच्छा जाहिर कर एक डॉक्टर ने कहा, ऐसा लगता है कि ये लोग अपनी या दूसरे की जीवन की सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि 1000 रुपये बचाने के लिए मास्क लगा रहे हैं।
विडंबना यह है कि यहां एक मिड रैंक पुलिस अधिकारी को भी अपनी ठुड्डी पर मास्क पहने देखा गया। यह अधिकारी बाजार में खरीददारों से ज्यादा पैसे वसूल कर रहे बेईमान व्यापारियों की जांच कर रहा था।
कई स्थानीय डॉक्टर और सरकारी अधिकारी बाजारों और सड़कों पर स्थानीय लोगों के व्यवहार को लेकर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, कभी-कभी आप एक मास्क लगाई बेटी को उसकी बिना मास्क लगाई मां के साथ खरीदारी करते देखते हैं या कई बार इससे उलटा भी होता है। ऐसा तरीका आखिरकार किसी के भी काम का नहीं है। लेकिन इन लोगों को कम से कम ईद का त्यौहार खत्म होने तक सावधानी बरतनी चाहिए।
Source: IANS
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