कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में साथ आए भारत और ऑस्ट्रेलिया

   

नई दिल्ली, 19 मई । कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र में भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग को सुगम बनाने के उद्देश्य से एक वेबिनार आयोजित किया गया। ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेफ ली और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी इस वेबिनार में शामिल हुए। निशंक ने कहा कि कौशल विकास के द्वारा हम राष्ट्र विकास की गति को तेज कर सकते हैं।

इस वेबिनार के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस कॉउंसिल और ऑस्ट्रेलिया के सरकारी प्रतिनिधि एक साथ आए। इन प्रतिनिधियों ने कौशल विकास पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेफ ली, भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ फर्ोल, राष्ट्रीय वीईटी नियामक और ऑस्ट्रेलियाई कौशल गुणवत्ता प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैक्सन राइस, न्यू साउथ वेल्स के शिक्षा क्षेत्र के निदेशक पीटर मैके, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो वी के तिवारी वेबिनार से जुड़े।

अपने संबोधन में कोरोना पीड़ितों के लिए संवेदना व्यक्त करते निशंक ने कहा कि हम सभी कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे हैं लेकिन कोऑपरेशन, कोलैबोरेशन, कंसल्टेशन और कम्युनिकेशन के मंत्र को अपना कर हम इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

दोनों देशों के संबंधों के बारे में बात करते हुए डॉ निशंक ने कहा, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारे संबंधों को हमारे साझा मूल्यों और आकांक्षाओं से उत्पन्न एक स्वाभाविक साझेदारी के रूप में वर्णित किया है। ग्लोबल विलेज के रूप में जिस प्रकार दुनिया का स्वरुप बदल रहा है, इस परिवेश में जरूरी है की हम कौशल विकास के क्षेत्र में भी कोऑपरेशन के साथ-साथ कोलैबोरेशन को भी पारस्परिक संबंधों को मजबूत करने के लिए उपयोग में लाएं। दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।

इसके अलावा उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी विस्तार से सभी को बताते हुए कहा कि यूनेस्को की डीजी ऑड्रे अजोले ने इस नीति को न केवल दूरदर्शी बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र को बदलने में सक्षम बताया। उन्होंने कहा, कौशल विकास को बढ़ावा देते हुए, हमारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूल-शिक्षा के स्तर से ही स्किलिंग, रि-स्किलिंग और अप-स्किलिंग पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है।

कौशल विकास के बारे में बात करते हुए डॉ निशंक ने कहा, इस शिक्षा नीति के माध्यम से हम कक्षा 6 से ही विद्यार्थियों के लिए वोकेशनल शिक्षा के साथ इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप की व्यवस्था करेंगे। साथ ही छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए, माध्यमिक स्कूलों को आईटीआई, पॉलिटेक्निक और स्थानीय उद्योगों से जोड़ा जाएगा। छात्रों को तकनीकी क्षेत्रों में हुनरमंद बनाने हेतु स्किल लैब भी स्थापित किए जाएंगे।

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