क्या खतरे में है मुसलमानों का पहला क़िबला?

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फ़िलिस्तीनी धर्मगुरुओं का एक प्रतिनिधिमंडल ने, जो भारत के बेंगलुरु की यात्रा पर है, कहा है कि मुसलमानों का पहला क़िब्ला मस्जिदुल अक़्सा ख़तरे में है।

parstoday.com पर छपी खबर के अनुसार, प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़ इन दिनों फ़िलिस्तीन के वरिष्ठ धर्मगुरुओं और विद्वानों का एक प्रतिनिधिमंडल दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु के दौरे पर है।

इस फ़िलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल में फ़िलिस्तीन के वरिष्ठ धर्मगुरू यूसूफ़ अली अलयूसूफ़ और फ़िलिस्तीनी के धर्मगुरुओं की परिषद के सदस्य डॉक्टर इब्राहीम अहमद भी शामिल हैं।

अपनी भारत यात्रा के दौरान फ़िलिस्तीनी धर्मगुरुओं ने कहा कि अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में रहने वाले कट्टरपंथी यहूदी लगातार मस्जिदुल अक़्सा पर हमले कर रहे हैं और आए दिन मस्जिद का अनादर करते हैं।

फ़िलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल ने दुनिया के सभी मुसलमानों, विशेषकर भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वे इस्राईल द्वारा मस्जिदुल अक़्सा के संबंध में किए जा रहे षड्यंत्रों से होशियार रहें और विश्व समुदाय, विशेषकर अपने-अपने देश की सरकारों द्वारा ज़ायोनी शासन पर दबाव बनाएं कि वे मुसलमानों के पहले क़िब्ले का अनादर करने से बाज़ रहे।

फ़िलिस्तीनी धर्मगुरुओं ने बताया कि इस्राईली सेना लगातार हज़ारों कट्टरपंथी यहूदियों को मस्जिदुल अक़्सा में बलपूर्वक प्रवेश कराती है ताकि उनके माध्यम से मस्जिद का अनादर करा सके।

भारत दौरे पर आए फ़िलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि ज़ायोनी शासन मस्जिदुल अक़्सा का अस्तित्व समाप्त करके अपना धार्मिक स्थल बनाना चाहता है। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार इस्राईली सेना आए दिन फ़िलिस्तीनी जनता पर अत्याचार करती रहती है।