क्या जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या की वज़ह से अमेरिका और सऊदी अरब के रिश्ते बिगड़े?

,

   

अमरीकी सेनेटर लिंडसे ग्राहम ने सऊदी अरब पर नये प्रतिबंधों की धमकी देते हुए कहा कि सऊदी क्राउन प्रिंस पत्रकार जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या के ज़िम्मेदार हैं और उनसे अवश्य निपटा जाए।

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प के निकटवर्ती साथी से सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि मैं इस परिणाम पर पहुंचा हूं कि सऊदी अरब और अमरीका के संबंध, आगे नहीं बढ़ सकते जब तक मुहम्मद बिन सलमान से मामला निपटाया नहीं जाएगा।

अंकारा में प्रेस कांफ़्रेंस के दौरान सेनेटर ने धमकी दी कि हत्या में संदिग्ध लोगों के विरुद्ध आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएं।

ज्ञात रहे कि अमरीका, फ़्रांस और कनाडा सहित अनेक पश्चिमी देश लगभग 20 सऊदी नागरिकों पर प्रतिबंध लगा चुके हैं जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रियाज़ को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।

इस हवाले से उन्होंने कहा कि हम जमाल ख़ाशुक़्जी की हत्या में लिप्त लोगों के विरुद्ध अधिक प्रतिबंध लगाना शुरु करेंगे। सेनेटर ने कहा कि हम शीघ्र ही ठोस बयान देंगे कि सऊदी क्राउन प्रिंस हत्या के बारे में जानते थे और ज़िम्मेदार हैं जिसकेस बाद प्रतिबंधों का क्रम शुरु होगा।

लिंडसे ग्राहम ने स्वीकार किया कि वह पहले क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के पक्ष में दृढ़ सकल्पित थे किन्तु बाद में मैं ग़लत साबित हुआ।

सऊदी पत्रकार ख़ाशुक़जी को 2 अक्तूबर 2018 को इस्तांबुल स्थित सऊदी कांसूलेट में बहुत ही निर्मम तरीक़े से क़त्ल कर दिया गया था। तुर्क सरकार और अमरीकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए का कहना है कि उनके पास इस बात के पुख़्ता सुबूत हैं कि सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ख़ाशुक़जी की हत्या का आदेश दिया था।

विश्व समुदाय के भारी दबाव के बाद सऊदी शासन ने 22 लोगों को ख़ाशुक़जी की हत्या के आरोप में गिरफ़्तार किया है। निःसंदेह यह लोग इस जघन्य अपराध में शामिल रहे होंगे, लेकिन यह अदालती कार्यवाही मुख्य आरोपी मोहम्मद बिन सलमान को बचाने और सऊदी अरब से विश्व समुदाय के दबाव को कम करने के उद्देश्य से की जा रही है।

साभार- ‘parstoday.com’