क्या जर्मनी की राजनीति में मुसलमानों के बढ़ रहे हैं कद?

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जर्मनी में चांसलर अंगेला मैर्केल की पार्टी में इस बात को लेकर तीखी बहस छिड़ी है क्या कोई मुसलमान कभी देश का चांसलर बन सकता है।
यह पूरी बहस मैर्केल की सीडीयू पार्टी के संसदीय समूह के नेता राल्फ ब्रिंकहाउस की एक टिप्पणी से हुई।

उन्होंने कहा कि कोई मुसलमान भविष्य में जर्मनी का चांसलर बन सकता है। एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया था कि अगर कोई मुसलमान 2030 में पार्टी का नेतृत्व कर सकता है तो फिर चांसलर भी बन सकता है। इस पर उन्होंने कहा, “क्यों नहीं, अगर वे अच्छे राजनेता हैं और वे हमारे मूल्यों और राजनीतिक विचारों का प्रतिनिधित्व करते हों तो।

यह इंटरव्यू फरवरी में हुआ था, लेकिन इस पर विवाद तब शुरू हुआ जब सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार बिल्ड बुधवार को इस एक रिपोर्ट छापी। जर्मन राज्य मैकलेनबुर्ग-वेस्टर्न पोमेरानिया में सीडीयू पार्टी के मुखिया विंसेंट कोकर्ट कहते हैं, “भगवान के लिए, मैं विश्वास नहीं कर सकता कि राल्फ ब्रिंकहाउस ने ऐसा कहा है। मैं इस पर भरोसा नहीं कर सकता हूं।

वहीं सीडीयू कार्यकारी बोर्ड की सदस्य एलिजाबेथ मोचमन ब्रिंकहाउस की इस बात को खारिज करती हैं कि इस्लाम उनकी पार्टी के मूल्यों के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “इस्लाम के मूल्य हमारे मूल्यों से बहुत अलग हैं- मिसाल के तौर पर महिला और पुरूषों के अधिकारों को ही लीजिए।

ब्रिंकहाउस ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि जब नेतृत्व गुणों पर फैसला करने की बारी आती है तो लोगों के मूल्य उनके धर्म से कहीं ज्यादा अहम होते हैं। उन्होंने कहा, “सीडीयू कोई धार्मिक समुदाय नहीं है यही बात हमें कैथोलिक चर्च से अलग करती है।

लेकिन पार्टी के एक सांसद एबरहार्ड गीनगर कहते हैं कि पार्टी के नाम को गंभीरता से लिया जाना चाहिए जिसमें सी का मतलब क्रिश्चियन है। उनके मुताबिक पार्टी का नाम यूं ही नहीं चुना गया था।

वह इस बात को भी खारिज करते हैं कि किसी मुसलमान को जर्मनी का चांसलर बनाया जा सकता है, भले ही वह किसी भी पार्टी का हो। वह कहते हैं, “मुस्लिम चांसलर होने का मतलब होगा कि जर्मनी में मुसलमान बहुसंख्यक हैं जबकि ऐसा तो नहीं है।

लेकिन कुछ सीडीयू सांसदों ने ब्रिंकहाउस का बचाव भी किया है। सीडीयू कार्यकारी बोर्ड के इकलौते मुस्लिम सदस्य सेराफ ग्यूलर ने ट्विटर पर लिखा कि जो कुछ भी ब्रिंकहाउस ने कहा है, वह सही है।

वहीं श्लेषविग होलस्टाइन राज्य में शिक्षा मंत्री कारीन प्रिन ने कहा है कि वह ईसाई होने को पार्टी प्रमुख या चांसलर बनने की योग्यता नहीं मानती हैं। इस बीच केंद्रीय सरकार में सीडीयू की सहयोगी एसपीडी ने इस पूरी बहस को मूर्खतापूर्ण बताकर खारिज किया है।

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’