क्या पुरे देश में कश्मीरी छात्र खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं?

   

उत्तराखंड में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) समेत चरमपंथी हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों की हिंसा और धमकियों से कश्मीरी छात्र और छात्राएं भयभीत हैं।

पार्स टुडे डॉट कॉम के अनुसार, चरमपंथी हिंदुत्व संगठनों की मारपीट के बाद शनिवार को कश्मीरी छात्रों और छात्राओं ने हिंसक भीड़ से डरकर ख़ुद को हॉस्टल और किराए पर लिए कमरों में बंद कर लिया।

इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, पुलवामा में चरमपंथी हमले में 42 सीआरपीएफ़ जवानों की मौत के बाद देहरादून में हिंदुत्व चरमपंथियों ने कश्मीरी छात्रों को देशद्रोही बताते हुए उनके साथ मारपीट की और सभी कश्मीरी छात्रों को 24 घंटे के भीतर शहर छोड़ देने की धमकी दी।

हिंदुत्व चरमपंथी संगठनों के सदस्य हाथों में लाठी डंडे उठाए नारे लगा रहे हैं कि कश्मीरी देशद्रोही हैं, इन्हें गोली मार दो। शनिवार की दोपहर, देहरादून में भीड़ द्वारा हॉस्टल को घेरने के बाद भारत प्रशासित कश्मीर की 20 छात्राओं ने ख़ुद को कमरे में बंद कर लिया।

द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक़, डॉल्फिन इंस्टीट्यूट में एमएससी जीव विज्ञान पढ़ने वाली एक कश्मीरी छात्रा का कहना है कि ‘हम 20 लड़कियां हैं और हमने अपने हॉस्टल के कमरों में ख़ुद को बंद कर लिया है। सैकड़ों लोगों ने हमारे हॉस्टल को घेर लिया है। उनमें से कई के पास लाठियां और पत्थर हैं। हमने लाइट बंद कर दी है।’

छात्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमने पुलिस से मदद मांगी और वे यहां आए, लेकिन वे हमें भीड़ का सामना करने और उनसे माफ़ी मांगने के लिए कह रहे हैं।

हमें किस बात के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए? वे हमें देशद्रोही कह रहे हैं, लेकिन हमने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। हम दरवाजा नहीं खोल सकते। हम बहुत डरे हुए हैं। हमारी मदद करने वाला कोई नहीं है।’

इस समय 3,000 से अधिक कश्मीरी छात्र देहरादून के विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों में पढ़ रहे हैं। देहरादून पुलिस ने कश्मीरी छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना से इनकार किया। लेकिन पुलिस के सामने छात्रों की पिटाई का वीडियो शनिवार से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।