खतरे की निगरानी के लिए एआई तकनीक का उपयोग करेगी भारतीय वायु सेना : भदौरिया

   

नई दिल्ली, 5 अप्रैल । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-असिस्टेड अगली-पीढ़ी की तकनीकों को भारतीय वायु सेना के कैप्टिव नेटवर्क में खतरे की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा, जिसमें वर्तमान नेटवर्क अपग्रेड शामिल होंगे। भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. भदौरिया ने सोमवार को यह बात कही।

भदौरिया ने कहा, अगर हम कॉम्बैट एविएशन में एआई का उपयोग करने का इरादा रखते हैं, तो हमें कुछ पारंपरिक सिद्धांतों को फिर से परिभाषित करने या त्यागने की आवश्यकता हो सकती है। ये सिद्धांत सख्त या आदर्श नहीं हैं। अलग-अलग खतरों वाले विभिन्न राष्ट्रों की अलग-अलग आवश्यकताएं होती हैं और यह समय और अनुभव की अवधि में विकसित होता है।

भदौरिया ने फिक्की द्वारा आयोजित एयर वारियर्स के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) विषय पर आयोजित एक ई-संगोष्ठी के दौरान अपने विचार रखे।

उन्होंने कहा, एआई आपको साबित करने के लिए त्रुटिहीन तर्क के साथ मॉडल दे सकता है कि प्रस्तावित समाधान सबसे अच्छा है।

हवाई युद्ध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह एयरोस्पेस डोमेन में जिस तरह से वायु युद्ध लड़े जाते हैं, उसमें भारी बदलाव ला सकते हैं।

वायु सेना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर बात करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा, हमारे पूरे इन्वेंट्री प्रबंधन को कम्प्यूटरीकृत और डिजिटाइज किया गया है और हमने पहले से ही एआई आधारित फॉर्मूलेशन पर काम करना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा, हमने कुछ परियोजनाओं पर एआई और एआई-आधारित एप्लिकेशन का परीक्षण शुरू कर दिया है, जो अलग-अलग चरणों में हैं। हमने पूरी श्रृंखला (चेन) में समयसीमा घटाकर अपनी परिचालन प्रभावकारिता को पहले ही बेहतर कर लिया है।

प्रशिक्षण रणनीति पर भदौरिया ने कहा कि वायु सेना ने वह पहले से ही प्रभावी प्रशिक्षण रणनीतियों पर काम कर रहे हैं।

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