कुछ साल पहले सियासत सिखाने वाले स्कूल मशहूर हुये। अब गठबंधन धर्म के पाठ की तालीम देने वाले स्कूलों की जरूरत है।
महाराष्ट्र में घोषित गठबंधन के संयमहीन पक्ष ने सरकार बनने से पहले गठबंधन धर्म के सिद्धांतों का उल्लंघन कर अपनी कथित निराधार उम्मीदों को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
इस पक्ष के कई तर्क बचकाना लगते हैं और विपक्ष को आलोचना के अस्त्र प्रदान करते हैं। धीरज टूटता है तो सपने टूटने, बिखरने लगते हैं।
कोई चुनाव पूर्व निर्णय लिया गया था तो उस पर वर्तमान हालात के मद्देनजर बातचीत की जानी चाहिये न कि मोटर माउथ पर इंजन लगाया जाये। भगवान सद्बुद्धि दे।