जयपुर, 27 जुलाई । राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट अब प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के दरवाजे तक पहुंचता दिख रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को खुलासा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है, उन्हें राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच के गतिरोध से अवगत कराया है।
इस बीच, कुछ विधायकों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर राज्य में संकट को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
ज्ञापन में राजस्थान में चुनी गई लोकतांत्रिक सरकार को गिराने के लिए भाजपा द्वारा विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त के बारे में राष्ट्रपति को बताया गया।
गहलोत ने यहां फेयरमोंट होटल में ठहरे विधायकों से बात करते हुए कहा, मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और उन्हें राज्यपाल के व्यवहार के बारे में बताया है। मैंने उनसे उस पत्र के बारे में भी बात की है, जो मैंने उन्हें एक सप्ताह पहले राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त के बारे में अवगत कराते हुए भेजा था।
गहलोत ने कहा कि यह पहली बार है कि राज्यपाल ने विशेष विधानसभा सत्र बुलाने के लिए निर्वाचित सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
राष्ट्रपति को भेजे गए ज्ञापन में और कांग्रेस विधायकों की ओर से तैयार मसौदा में उल्लेख किया गया कि भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है जो लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
साथ ही, निर्वाचित प्रतिनिधियों को धमकी देने के लिए सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ है, जो बहुत निंदनीय है।
Source: IANS
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