गिरिराज सिंह ने मुस्लिमों को दी चेतावनी- कब्र के लिए तीन हाथ जमीन चाहिए तो वंदेमातरम गाना पड़ेगा

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बेगूसराय से NDA के उम्मीदवार गिरिराज सिंह ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को चेतावनी दी है कि अगर कब्र के लिए तीन हाथ जगह चाहिए तो इस देश में वंदेमातरम गाना होगा और भारत माता की जय कहना होगा.

गिरिराज के अनुसार अगर तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा. गिरिराज सिंह ने बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान अन्य बातों की चर्चा करने के अलावा कहा कि कुछ लोग बिहार की धरती को रक्तरंजित करना चाहते हैं, सांप्रदायिक आग फैलाना चाह रहे हैं, लेकिन BJP जब तक है न बिहार में ऐसा होगा और न बेगूसराय की धरती पर वे ऐसा होने देंगे.

उसके बाद गिरिराज ने राष्ट्रीय जनता दल के दरभंगा से उम्मीदवार अब्दुल बारी सिद्दिकी के एक तथाकथित वक्‍तव्‍य की चर्चा करते हुए कहा कि ‘RJD के उम्मीदवार दरभंगा में कहते हैं कि वंदे मातरम मैं नहीं बोलूंगा. बेगूसराय में भी कुछ लोग आकर बड़े भाई का कुरता और छोटे भाई का पायजामा पहनकर भ्रमण कर रहे हैं. लेकिन मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि जो वंदे मातरम नहीं गा सकता, जो भारत की मातृभूमि को नमन नहीं कर सकता वो इस बात को याद रखें कि अरे गिरिराज के नाना-दादा सिमरिया घाट में गंगा नदी के किनारे मरे, उसी भूमि पर कोई कब्र नहीं बनाया लेकिन तुम्हें तो तीन हाथ जगह चाहिए. तुम ऐसा नहीं कर पाओगे तो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा.’

https://twitter.com/manishndtv/status/1121066089377669126

इसके बाद गिरिराज ने अपना भाषण ख़त्म कर दिया लेकिन निश्चित रूप से भाषण का यह अंश चौंकाने वाला था. हालांकि जानकारों का मानना है कि गिरिराज इस बार जब नीतीश कुमार के साथ मंच पर होते हैं तब वे सबका साथ सबका विकास और सांप्रदायिक सद्भाव कायम रखने की बातें करते हैं लेकिन जब वे अपने मंच पर और अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने बोल रहे होते हैं तो मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाने पर रखने से नहीं चूकते.

इसका दूसरा कारण ये भी बताया जा रहा है कि बेगूसराय में इस बार त्रिकोणीय मुक़ाबला होने के कारण उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया है या उनकी यह सोची समझी रणनीति का हिस्सा है कि जब तक सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं होगा तब तक उनकी जीत का रास्ता आसान नहीं होगा. इसलिए उन्होंने जानबूझकर वंदे मातरम, भारत माता की जय और कब्रिस्तान और कब्र के लिए जमीन का मुद्दा छेड़ा है.