गीता गोपीनाथ बनी IMF की चीफ़, भारत से है रिश्ता!

   

भारत में जन्मी गीता गोपीनाथ ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के चीफ इकॉनमिस्ट का पदभार ग्रहण कर लिया है। आईएमएफ के शीर्ष पद पर पहुंचने वाली वह पहली महिला हैं। उन्होंने मौरी ओब्सफ़ेल्ड की जगह ली है, जो पिछले वर्ष 31 दिसंबर को रिटायर हो गए। गीता का जन्म भारत के मैसूर में हुआ है।

अक्टूबर में गीता गोपीनाथ के नियुक्ति के बारे में बताते हुए आईएमएफ़ की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्डे ने कहा था ”गीता दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।”

आईएमएफ़ में इस पद पर पहुंचने वाली गीता दूसरी भारतीय हैं। उनसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी आईएमएफ़ में प्रमुख अर्थशास्त्री रह चुके हैं।

आईएमएफ के 11 वें मुख्य अर्थशास्त्री के रूप में नियुक्त गोपीनाथ ने द हार्वर्ड गजट को हाल ही में दिए गए इंटरव्यू में बताया कि आईएमएफ में उनकी नियुक्ति “जबरदस्त सम्मान” है। उन्होंने कहा कि आईएमएफ के नेतृत्व में उनकी नियुक्ति दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक आदर्श है।

आईएमएफ में अपनी जरूरी जिम्मेदारियों को चिन्हित करते हुए गोपीनाथ ने द हार्वर्ड गजट को बताया, उनकी कोशिश रहेगी कि वह आईएमएफ के लिए महत्वपूर्ण नीतिगत सवालों को लेकर बौद्धिक नेतृत्व प्रदान कर सकें।

उन्होंने कहा, “जिन अनुसंधान मुद्दों पर मैं जोर देना चाहती हूं, उनमें से एक अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वित्त में डॉलर जैसी प्रमुख मुद्राओं की भूमिका को समझना होगा। हम अनुभव के आधार पर और अधिक कोशिश कर सकते हैं ताकि देश के डॉलर को एक्सपोज और समझने की कोशिश की जा सके।”

गोपीनाथ के मुताबिक, अधिकांश देश डॉलर में अपना व्यापार करते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर में उधार लेते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय मूल्य प्रणाली और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली का एक केंद्रीय हिस्सा है जिसे आईएमएफ के साथ मिलकर इसके परिणामों का पता लगाना रोमांचक होगा।

गीता गोपीनाथ ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन से एमए की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्रिंसटन विश्विद्यालय से 2001 में प्राप्त की। इसके बाद उसी साल उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम शुरू कर दिया।

साभार- ‘जागरण डॉट कॉम’