ग्रेटर नोएडा के मोहम्‍मद जैद हसन को संस्‍कृत में मिले सौ में सौ नंबर

   

मोहम्मद जैद हसन ने सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा में 97.4 फीसद अंक प्राप्त किए हैं। खास बात यह है कि जैद ने संस्कृत में सौ फीसद अंक हासिल किए हैं। उनको बचपन से ही संस्कृत में काफी रुचि थी। संस्कृत के श्लोक आदि कंठस्थ याद हैं। वह आइआइटी से पढ़ाई कर इंजीनियर बनना चाहते हैं। जैद कहते हैं कि भाषा का कोई धर्म नहीं होता है।

संस्कृत सरल भाषा है। यह भारतीय संस्कृति की धरोहर है। इस भाषा का सभी को ज्ञान होना चाहिए। मोहम्मद जैद सेक्टर-चाई-1 स्थित एडब्ल्यूएचओ सोसायटी में रहते हैं। वह ग्रेटर नोएडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र हैं।

माता-पिता दोनों चिकित्सक हैं। पिता डॉक्टर केएम हसन जेपी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजिस्ट हैं। मां डॉक्‍टर नाजिया हसन बाल रोग विशेषज्ञ हैं। बड़ा भाई मोहम्मद युसुफ हसन आइआइटी गांधीनगर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। छोटा भाई डीपीएस में ही कक्षा छह का छात्र है।

बड़े भाई को भी दसवीं में संस्‍कृत में मिले थे ए-1 ग्रेड

जैद हसन के बड़े भाई ने दसवीं में संस्कृत विषय में ए-1 ग्रेड प्राप्त किया था। उनको संस्कृत पढ़ता देखकर जैद को भी विषय में रुचि हुई। संस्कृत भी गणित की तरह स्कोरिंग विषय है। परीक्षा में अच्छे नंबर मिलने लगे तो रुचि बढ़ती गई।

शिक्षक को दिया श्रेय

दसवीं की बोर्ड परीक्षा में संस्कृत में सौ में से सौ अंक प्राप्त किए। जैद का परिवार सामाजिक सद्भावना से प्रेरित है। परिवार से मिले संस्कार जैद में भी हैं। जैद संस्कृत में रुचि बनाने का श्रेय शिक्षक सुधाकर मिश्र को देते हैं। उनके मार्गदर्शन में संस्कृत की मधुरता और सौंदर्य का अनुभव किया। जैद वैसे तो रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई करते हैं। परीक्षा के समय सात से आठ घंटे पढ़ते थे। पिता डॉ. केएम हसन कहते हैं कि विश्व की सभी भाषाएं अच्छी हैं। संस्कृत भारतीय संस्कृति को दर्शाता है। इसमें सभी को रुचि होनी चाहिए। इस उपलब्धि पर विद्यालय प्रधानाचार्य संध्या अवस्थी ने बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।