चलती ट्रेनों में मालिश की सुविधा का सियासी विरोध के बाद प्रस्ताव वापस लिया गया

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चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देकर ज्यादा लाभ कमाने की रेलवे की ऐतिहासिक योजना शुरू होने से पहले ही बंद हो गई है. मंत्रलाय ने इस योजना का प्रस्ताव वापस ले लिया है. मंत्रालय ने यह कदम सुमित्रा महाजन और क्षेत्रीय बीजेपी सांसद शंकर लालवानी की ओर से रेल मंत्री पीयूष गोयल को लिखे खत के बाद उठाया गया है.

 

पत्र में खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा और सहजता का हवाला देते हुए इस योजना पर सवाल उठाये गए थे.

 

रेलवे ने वापस खींचे कदम

 

पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से चलने वाली 39 रेलगाड़ियों में मालिश सेवा का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है.

 

उन्होंने कहा कि पश्चिम रेलवे जन प्रतिनिधियों, रेल उपभोक्ताओं और जनता से मिले तमाम सकारात्मक सुझावों का सम्मान करता है.

 

गौरतलब है कि सुमित्रा महाजन ने मालिश सेवा की इस बहुचर्चित योजना को लेकर रेल मंत्री पीयूष गोयल को शुक्रवार को पत्र लिखा था.

 

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सुमित्रा महाजन ने पूछे थे सवाल

 

महाजन ने पत्र में पूछा था, “इस प्रकार की (मालिश) सुविधा के लिये चलती रेलगाड़ी में किस तरह की व्यवस्था की जायेगी क्योंकि इससे यात्रियों, विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा एवं सहजता के संबंध में कुछ प्रश्न हो सकते हैं.”

 

सुमित्रा महाजन से पहले, इंदौर क्षेत्र के नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद शंकर लालवानी भी मालिश योजना पर रेल मंत्री को पत्र लिख चुके थे. लालवानी ने गोयल को 10 जून को लिखे पत्र में “भारतीय संस्कृति के मानकों” का हवाला देते हुए रेलवे की प्रस्तावित मालिश सेवा को ‘स्तरहीन’ बताया था.

 

सोशल मीडिया पर लोगों ने दी थी प्रतिक्रिया

 

बहरहाल, चलती ट्रेन में मालिश सुविधा की योजना को लेकर सोशल मीडिया पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई थीं. कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने रेलवे की इस नवाचारी योजना की खुलकर तारीफ भी की थी.

 

भारतीय रेलवे के इतिहास में पहली बार पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल ने चलती ट्रेनों में यात्रियों को मालिश की सुविधा देने की योजना बनाई थी. हालांकि, इसे शुरू करने की तारीख की घोषणा नहीं की गयी थी.

 

मालिश के लिए रखा गया था तीन पैकेज

 

रतलाम रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि योजना के तहत प्रस्ताव था कि चलती ट्रेनों में सुबह छह से रात 10 बजे के बीच यात्रियों को सिर और पैर की मालिश की सुविधा दी जाएगी. इस सेवा के बदले यात्रियों से 100 रुपये, 200 रुपये और 300 रुपये की तीन अलग-अलग पैकेज श्रेणियों में शुल्क लिया जाना तय किया गया था.

 

मालिश के लिए निजी कंपनियों से किया गया था करार

 

अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित मालिश सेवा के लिये एक निजी एजेंसी से करार किया गया था. इस सेवा से रेलवे के खजाने में सालाना 20 लाख रुपये जमा होने की उम्मीद थी. इससे रेलवे को हर साल लगभग 90 लाख रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती थी.