चीन और पाकिस्तान अपना सहयोग तीन लाख करोड़ रुपये की लागत वाले सीपीइसी से आगे ले जाने को संकल्पबद्ध हैं। रविवार को दोनों देशों ने कराची-पेशावर रेलवे लाइन के अपग्रेडेशन, द्वितीय चरण के मुक्त व्यापार समझौते और एक शुष्क बंदरगाह (ड्राई पोर्ट) के विकास के मसौदे पर दस्तखत किए।
“No matter how international and regional situations change, #China firmly supports #Pakistan in safeguarding its sovereignty…combating terrorist forces…and playing a constructive role in international and regional affairs,” Mr. Xi said.https://t.co/fbs4qi8Uqx
— The Hindu (@the_hindu) April 28, 2019
जागरण डॉट कॉम के अनुसार, ये दस्तखत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में हुए। इन समझौतों को सीपीइसी (चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरीडोर) के विकास के तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान इन दिनों वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान के तहत हो रहे दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान का चीन का यह दूसरा दौरा है।
रविवार को इमरान की चीनी प्रधानमंत्री ली कछ्यांग से मुलाकात के समय समझौतों पर दस्तखत हुए। पाकिस्तान के आर्थिक विकास के लिए कराची-पेशावर रेलवे ट्रैक का डबल ट्रैक में परिवर्तन जरूरी समझा जा रहा था, इसलिए पाकिस्तान ने इसके विकास पर दस्तखत किए हैं।
इस परियोजना के तहत 1,680 किलोमीटर की लंबाई में नया रेलवे ट्रैक बनेगा। इसके लिए चीन 8.4 अरब डॉलर (58 हजार करोड़ रुपये) की सहायता देगा। पाकिस्तान की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 19 अरब डॉलर (1.32 लाख करोड़ रुपये) की मदद दे रहा है।
पाकिस्तान को यह सारा कर्ज उसकी जर्जर आर्थिक स्थिति के बीच मिल रहा है। सीपीइसी को लेकर उसका चीन के साथ हुआ समझौता स्पष्ट नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने पाकिस्तान को सहायता देने से पहले उससे चीन की परियोजनाओं का ब्योरा मांगा है।
लेकिन पाकिस्तान उसे देने में आनाकानी कर रहा है। अमेरिका और आइएमएफ को आशंका है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहायता से चीन का कर्ज चुका सकता है।