चीन क्यों कर रहा है ज़ंग की तैयारी, कौन देश है निशाने पर?

   

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश की सेना को अमरीका के साथ बढ़ते तनाव के बीच व्यापक सैन्य संघर्ष के लिए तय्यार रहने का आदेश दिया है। शुक्रवार को बीजिंग में केन्द्रीय सैन्य आयोग की बैठक को संबोधित करने के बाद, चीनी राष्ट्रपति ने सशस्त्र बल से हर संभव जंग की तय्यारी और अत्यावश्यकता की समझ बढ़ाने पर बल दिया।

शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया बहुत बड़े बदलाव के दौर में है और चीन के पास अभी भी विकास का बहुत अहम अवसर है। शेनहुआ न्यूज़ के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत से ऐसे जोखिम और चुनौतियां हैं जिनका पूर्वानुमान लगाया और नहीं लगाया जा सकता इसलिए सशस्त्र बल को आपात स्थिति में तुरंत जवाब देने के योग्य और नई तरह की लड़ाकू टुकड़ियां तय्यार करने की ज़रूरत है।

चीनी राष्ट्रपति का यह बयान ताईवान के बारे में मुख्य नीति पर आधारित बयान की चालीसवी वर्षगांठ के अवसर पर उनके भाषण के बाद, सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि बीजिंग बल प्रयोग छोड़ नहीं सकता और ताईवान को फिर से शामिल करने के लिए सभी ज़रूरी क़दम अपनाने का विकल्प सुरक्षित समझता है।

चीन ताईवान पर संप्रभुता का दावा करता है और लगभग दुनिया के सभी देश “वन चाइना” नीति के नाम से मशहूर नीति के तहत इस बात को मानते हैं। अमरीकी विमान वाहक को डुबोने से तनाव दूर हो जाएगा

दूसरी तरफ़ चीन के एक वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारी ने हाल ही में कहा है कि अमरीका के साथ तनाव आसानी से ख़त्म हो सकता है कि अगर दक्षिणी चीन सागर में 2 अमरीकी युद्धपोत को डुबों दें।

एडमिरल लू युआन ने पिछले महीने एक संबोधन में कहाः “अमरीका जानी नुक़सान से डरता है।” उन्होंने कहा कि एक विमान वाहक पोत को डुबोने से 5000 मरेंगे और दो को डुबोने से यह संख्या दुगुनी हो जाएगी।ग़ौरतलब है कि दक्षिणी चीन सागर में अमरीकी सैन्य मौजूदगी बीजिंग के लिए चिंता का विषय बनी हुयी है।

साभार- ‘parstoday.com’