बीजिंग, 23 जून । चीन में हुए तेज विकास में उत्पादन केंद्रों व कारखानों की अहम भूमिका रही है। चीन को विश्व का कारखाना भी कहा जाता है। हालांकि हाल के वर्षो में औद्योगिक दुर्घटनाओं ने भी लोगों का ध्यान खींचा है। इसमें थ्येनचिन पोर्ट हादसे के साथ-साथ कुछ दिन पहले हूबेई प्रांत में पाइपलाइन विस्फोट की घटना भी शामिल है। इस तरह की घटनाओं से चिंतित चीन सरकार ने सुरक्षा मानकों से खिलवाड़ करने वालों के साथ सख्ती से पेश आने का फैसला किया है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सौंवीं वर्षगांठ के मद्देनजर भी संबंधित कारखानों व उद्योगों से सुरक्षा के पूरे इंतजाम करने को कहा गया है। इस संबंध में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में चीनी अधिकारियों ने कार्यस्थल सुरक्षा को लेकर कानून में संशोधन करने को मंजूरी दी।
कहा गया है कि फैक्ट्रियों व संबंधित कार्यस्थलों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने होंगे। अगर इस बाबत कोई भी कोताही बरती गयी तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कंपनी को भारी जुर्माना भी अदा करना होगा।
चीन उद्योगों में अकसर होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर बहुत गंभीर है। इस संबंध में चेतावनी देते हुए कहा गया है कि गंभीर और बड़े हादसों को रोकने के लिए व्यापक प्रयास करने की आवश्यकता है। इसके लिए रासायनिक उद्योगों के अलावा खदानों, गैस पाइपलाइनों, औद्योगिक पार्को, खतरनाक रसायनों के परिवहन, सड़क यातायात सुरक्षा, आदि क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे। बताया जाता है कि नया कानून सितंबर महीने से प्रभावी होगा, जो कि चीन में उद्योगों के सुरक्षा मानकों को एक नए स्तर पर ले जाएगा।
जाहिर सी बात है कि चीन के शीर्ष नेता व अधिकारी विकास की रफ्तार के साथ-साथ सुरक्षा को भी पूरा महत्व दे रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि चीन ने पिछले कुछ दशकों में बहुत तेज गति से विकास किया है। ऐसा विकास जिसे हासिल करने में अन्य देशों को सौ साल से भी अधिक का वक्त लगा। ऐसे में उद्योगों में दुर्घटनाएं आदि होना आम बात है, लेकिन समय के साथ-साथ चीन इस समस्या की ओर ध्यान दे रहा है।
(अनिल पांडे, पेइचिंग)
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