चीन में कोरोना वायरस, WHO बोला- वैश्विक आपातकाल नहीं

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चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है। इस नए तरह के घातक कोरोना वायरस ने अब तक 25 लोगों की जान ले ली है और करीब 800 से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं। कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन में इमरजेंसी की घोषणा कर दी है, मगर अभी अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति की घोषणा नहीं की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि इस वायरस को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना जल्द बाजी होगी।

चीन के नेशनल हेल्थ कमिशन ने कहा कि कोरोना वायरस के अब तक 830 मामले सामने आए हैं, जिसकी पुष्टि हो चुकी है। गुरुवार तक इस कहर से मरने वालों की संख्या 25 हो गई है। इनमें से ज्यादातर मामले चीन के वुहान शहर में पाए गए हैं। बता दें कि कोराना वायरस के कम से कम सात अन्य देशों में गैर-घातक मामले पाए गए हैं।

चीन में घातक कोरोना वायरस के प्रसार के कारण कई शहरों में आवाजाही पूरी तरह रोक दी गयी है। कुछ शहरों मसलन वुहान को पूरी तरह सील कर दी गई है। अगले आदेश तक इस शहर में पूरी तरह से आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेडरोस एडहानोम घेब्रेयासस ने विषाणु को लेकर जिनेवा में दो दिवसीय आपात बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘मैं आज अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति नहीं घोषित कर रहा हूं। उन्होंने कहा, ‘चीन में यह आपात स्थिति की तरह है, लेकिन यह वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं बना है।’ उन्होंने यह भी कहा कि चीन के बाहर इंसानों के बीच वायरस के फैलने का कोई ”प्रमाण नहीं मिला है।

गौरतलब है कि चीन में कोरोना वायरस से अब तक 25 लोगों की मौत हो गई है और 800 अधिक लोग इस वायरस की जद में आ गए है। यह वायरस कई अन्य देशों में फ़ैल गया है जिसको ध्यान में रखते हुए कई देशों से चीन की यात्रा के लिए अपने-अपने देश के नागरिकों को अलर्ट जारी किया है।

कोरोनो वायरस क्या है
वायरसों का एक बड़ा समूह है कोरोना जो जानवरों में आम है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीएस) के अनुसार, कोरोना वायरस जानवरों से मनुष्यों तक पहुंच जाता है। अब एक नया चीनी कोरोनो वायरस, सार्स वायरस की तरह है जिसने सैकड़ों को संक्रमित किया है। हांगकांग विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वायरोलॉजिस्ट लियो पून, जिन्होंने पहले इस वायरस को डिकोड किया था, उन्हें लगता है कि यह संभवतः एक जानवर में शुरू हुआ और मनुष्यों में फैल गया।

चीन के वुहान से निकला वायरस सार्स जैसा खतरनाक
वैज्ञानिक लियो पून के मुताबिक, “हमें पता है कि यह निमोनिया का कारण बनता है और फिर एंटीबायोटिक उपचार का जवाब नहीं देता है, जो आश्चर्यजनक नहीं है। फिर मृत्यु दर के मामले में SARS 10 फीसदी व्यक्तियों को मारता है, यह स्पष्ट नहीं है कि वुहान कोरोना वायरस कितना घातक होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि वे कैसे इससे निपटने की तैयारी कर सकते हैं, जिसमें बीमार लोगों की निगरानी कैसे की जाए और मरीजों का इलाज कैसे किया जाए। कुछ महत्वपूर्ण बातें जो आपको एक कोरोनो वायरस के बारे में पता होनी चाहिए –

कोरोना वायरस के असर के लक्षण
वायरस लोगों को बीमार कर सकते हैं, आम तौर पर श्वसन तंत्र की बीमारी के साथ या एक आम सर्दी के समान। कोरोना वायरस के लक्षणों में नाक बहना, खांसी, गले में खराश, कभी-कभी सिरदर्द और शायद बुखार शामिल है, जो कुछ दिनों तक रह सकता है। कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों यानी जिनकी रोगों से लड़ने की ताकत कम है ऐसे लोगों के लिए यह घातक है। बुजुर्ग और बच्चे इसके आसान शिकार हैं।

MERS और SARS कोरोना वायरस के रूप
मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम, जिसे एमईआरएस (MERS) वायरस के रूप में भी जाना जाता है का हमला पहली बार 2012 में मध्य पूर्व देशों में देखा गया था। इससे श्वसन संबंधी समस्याएं  होती हैं, लेकिन लक्षण बहुत अधिक गंभीर होते हैं। MERS से संक्रमित हर 10 में से तीन से चार रोगियों की मृत्यु हो गई थी। गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम, जिसे सार्स (Severe Acute Respiratory Syndrome या SARS) के रूप में भी जाना जाता है, एक अन्य किस्म का कोरोना वायरस है जो अधिक गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिणी चीन के गुआंगडोंग प्रांत में पहली बार इसकी पहचान की गई थी। यह भी सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनता है, लेकिन इसके कारण दस्त, थकान, सांस की तकलीफ, श्वसन संकट और गुर्दे की विफलता भी हो सकती है। रोगी की उम्र के आधार पर, सार्स के साथ मृत्यु दर 0-50% मामलों में थी।

कोरोना वायरस कैसे फैलता है
कोरोना वायरस जानवरों के साथ मानव संपर्क से फैल सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैज्ञानिकों को लगता है कि MERS ने ऊंटों से निकल कर संक्रमित किया था, जबकि सार्स के प्रसार के लिए सिवेट बिल्लियों को दोषी ठहराया गया था। जब वायरस के मानव-से-मानव संचरण की बात आती है, तो अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के स्राव के संपर्क में आता है। वायरस कितना वायरल है, इसके आधार पर खांसी, छींक या हाथ मिलाना जोखिम का कारण बन सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के छूने और फिर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूने से भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।