चीन-रूस परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना निर्माण की शुभारंभ रस्म आयोजित

   

बीजिंग, 20 मई । चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 19 मई की दोपहर बाद पेइचिंग में वीडियो के माध्यम से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ चीन-रूस परमाणु ऊर्जा सहयोग परियोजना यानी थ्येनवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र और श्य्वीतापाओ परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण की शुभारंभ रस्म में उपस्थित हुए।

शी चिनफिंग ने बधाई देते हुए दोनों देशों के निर्माताओं के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष चीन और रूस के बीच मित्रवत पड़ोसी सहयोग संधि पर हस्ताक्षर किए जाने की 20वीं वर्षगांठ है। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय संबंध के विकास को और उच्च स्तर, ज्यादा व्यापक क्षेत्र तथा अधिक गहराने को मजबूत करने का फैसला किया। महामारी और सौ वर्षों में भारी परिवर्तन की स्थिति में चीन और रूस को एक दूसरे का दृढ़ समर्थन करते हुए घनिष्ठ और प्रभावी सहयोग करना चाहिए।

शी चिनफिंग ने बल देते हुए कहा कि ऊर्जा सहयोग हमेशा से दोनों देशों के बीच वास्तविक सहयोग में सबसे महत्वपूर्ण, सबसे फलदायी और सबसे व्यापक दायरे वाला सहयोग है। परमाणु ऊर्जा द्विपक्षीय रणनीतिक सहयोग की प्राथमिकता रही है, संबंधित सिलसिलेवार प्रमुख परियोजनाओं का निर्माण क्रमश: पूरा हुआ और उत्पादन करने लगा।

19 मई को निर्माण शुरू होने वाले 4 परमाणु ऊर्जा संयंत्र चीन-रूस परमाणु ऊर्जा सहयोग का एक और मील के पत्थर वाली उपलब्धि है। शी चिनफिंग ने तीन उम्मीदें पेश कीं। पहला, सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, वैश्विक परमाणु ऊर्जा सहयोग के आदर्श मिसाल बनाया जाए। दूसरा, नवाचार से प्रेरित परमाणु ऊर्जा विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहयोग के विषयों को गहरा किया जाए। तीसरा, रणनीतिक सहयोग पर डटे रहते हुए वैश्विक ऊर्जा शासन व्यवस्था के समन्वयक विकास को बढ़ावा दिया जाए।

वहीं, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग नए युग में रूस और चीन के बीच व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी संबंधों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्हें विश्वास है कि निर्माणाधीन 4 परमाणु ऊर्जा संयंत्र न केवल रूस-चीन संबंधों के विकास में नई जीवन शक्ति का संचार करेंगे, बल्कि कार्बन की चरम पर पहुंच और कार्बन तटस्थता के लक्ष्य की प्राप्ति में मदद करेंगे, और वैश्विक जलवायु परिवर्तन के मुकाबले तथा मानव जाति के सतत विकास को साकार करने के लिए भी सक्रिय प्रयास और योगदान दे सकेंगे।

बता दें कि थ्येनवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र के यूनिट 7 और यूनिट 8, तथा श्य्वीतापाओ परमाणु ऊर्जा संयंत्र के यूनिट 3 और यूनिट 4 का निर्माण चीन और रूस के बीच परमाणु ऊर्जा सहयोग से संबंधित सिलसिलेवार समझौते में अहम परियोजना है, जिस पर जून 2018 में हस्ताक्षर किए गए। उस समय दोनों देशों के शीर्ष नेता साक्षी बने थे। इन चार परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण पूरा होने और परिचालन में आने के बाद वार्षिक बिजली उत्पादन 37 अरब 6 करोड़ किलोवॉट तक पहुंच जाएगा। यह प्रतिवर्ष 3 करोड़ 6 लाख 80 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने के बराबर है।

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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