नई दिल्ली: हिन्दोस्तान की सुप्रीमकोर्ट ने एक और तारीख़ी फ़ैसला सुनाया है। जिसके मुताबिक़ चीफ़ जस्टिस आफ़ इंडिया (सी जे आई के दफ़्तर को भी आर टी आई ऐक्ट के दायरा में लाया गया है। सुप्रीमकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि चीफ़ जस्टिस का दफ़्तर भी एक सरकारी केंद्र है और उसे ट्रांसपेरैंसी ऐक्ट आर टी आई के तहत आना चाहिए। चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई पर शामिल बंच ने इस सिलसिले में दिल्ली हाईकोर्ट के फ़ैसले को बरक़रार रखा।