पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में भूमिका को आधार बनाते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को सऊदी अरब के 16 नागरिकों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया। गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खशोगी हत्याकांड से निपटने के अपने तरीकों को लेकर अकसर कटु आलोचना के शिकार होते रहे हैं।
US bars 16 people from country over their roles in killing of journalist Jamal Khashoggi https://t.co/ygrajv9o0X
— Sky News (@SkyNews) April 9, 2019
अमेरिकी अखबार के लिए लिखने वाले पत्रकार खशोगी की दो अक्टूबर, 2018 को इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी। खशोगी की हत्या सऊदी अरब के खुफिया विभाग के 15 अधिकारियों की एक टीम ने की थी जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी बहुत आलोचना हुई।
#UPDATE The US State Department bars entry to 16 Saudi nationals over what it describes as their role in the murder of journalist Jamal Khashoggi https://t.co/Wk6sCQxTEc pic.twitter.com/Quh9TMQBb9
— AFP News Agency (@AFP) April 9, 2019
सच्चाई यह है कि सीआईए से मिली जानकारी के आधार पर अमेरिकी सीनेट द्वारा सऊदी अरब के वली अहद मोहम्मद बिन सलमान को हत्या के लिए ‘‘जिम्मेदार’’ ठहराए जाने के बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने से सार्वजनिक रूप से इंकार कर दिया।
U.S. State Department bars 16 people for their roles in the killing of Jamal Khashoggihttps://t.co/vuvsI8rrr1
— TIME (@TIME) April 9, 2019
कार्रवाई करने के बजाए ट्रंप ने जोर दिया कि सऊदी अरब हथियारों का बड़ा खरीददार है और क्षेत्र में ईरान के खिलाफ अमेरिका का महत्वपूर्ण सहयोगी भी। विदेश विभाग ने 16 लोगों की सूची जारी कर उनपर लगे प्रतिबंध की घोषणा की है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, विदेश विभाग ने अपने बयान में उन व्यक्तियों के नाम बताए हैं जिन्हें प्रतिबंधित किया गया है और कहा कि उन्हें विदेश विभाग, विदेशी संचालन और संबंधित कार्यक्रम विनियोग अधिनियम 2019 की धारा 7031 (सी) के तहत नामित किया गया है।
इस धारा के अंतर्गत उन लोगों को अमेरिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती जिनके बारे में विदेश विभाग के पास विश्वसनीय जानकारी हो कि विदेशी सरकार के वह अधिकारी भ्रष्टाचार या मानवाधिकार उल्लंघन में संलिप्त हैं। इस तरह के व्यक्तियों और उनके परिवार को अमेरिका में प्रवेश के अयोग्य माना जाता है।
कानून के अतंर्गत विदेश विभाग को सार्वजनिक तौर पर या निजी तौर पर इस तरह के अधिकारियों और उनके तत्कालीन परिवार के सदस्यों को नामित करना पड़ता है। इससे पहले विदेश विभाग ने लगभग दो दर्जन सऊदी अधिकारियों का वीजा रद्द कर दिया था और 17 अन्य लोगों की संपत्ति को जब्त कर लिया था।
कुछ दिनों पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सऊदी के जिस दल ने खशोगी की हत्या की थी, उसे अमेरिका में प्रशिक्षण दिया गया था। वाशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट में मौत से जुड़े और भी कई तथ्यों की जानकारी दी गई थी। खशोगी वाशिंगटन पोस्ट के लिए लेख लिखा करते थे।