जमीयत उलमा के राष्ट्रीय महासचिव पद से मौलाना महमूद मदनी ने दिया इस्तीफा, जानें वजह

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जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैय्यद महमूद मदनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।  उन्होंने अपना त्यागपत्र अध्यक्ष कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को भेजा है। अचानक लिए गए इस फैसले से सभी हैरान हैं। हालांकि इस्तीफा देने की क्या वजह रही इसके बारे में न तो मदनी कुछ कहने को तैयार हैं और न ही कारी उस्मान कुछ ही बता पा रहे हैं।

मदनी ने मंगलवार की रात्रि अध्यक्ष कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को अपना इस्तीफा एक बंद लिफाफे में भेजा जिसे पढ़कर कारी उस्मान मंसूरपुरी काफी परेशान हुए।

मदनी ने जो त्यागपत्र कारी उस्मान को भेजा उसमें कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जाना कई सवाल खड़े कर रहा है। मदनी ने इस्तीफे में स्वयं को नकारा लिखा है। मदनी द्वारा भेजे गए इस्तीफे की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो इस्लामिक हल्कों में चर्चाओं का बाजार भी गरम हो गया।

इस संबंध में मौलाना महमूद मदनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दिया है, लेकिन इसकी वजह क्या है इस पर मदनी ने केवल इतना ही कहा कि उन्होंने इस्तीफे में सब कुछ लिखा है।

उधर, जमीयत अध्यक्ष कारी उस्मान मंसूरपुरी ने बताया कि मंगलवार की रात्रि उन्हें मदनी का इस्तीफा मिल गया। अचानक इस्तीफा देने के बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन इतना जरूर है कि मौलाना महमूद मदनी कई बार मौखिक रूप से अपनी मजबूरियां जाहिर कर चुके हैं। बता दें कि मौलाना महमूद मदनी वर्ष 2001 से जमीयत में महासचिव पद की जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनके पद से इस्तीफा देने को लेकर इस्लामिक हल्कों में बहस छिड़ी हुई है।

कारी उस्मान ने पुनर्विचार के लिए मदनी के पास वापस भेजा इस्तीफा

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी के मुताबिक उन्होंने मदनी से इस्तीफे पर पुनर्विचार करने को कहा है। उनका यह भी कहना है कि मौलाना मदनी ने यह कदम जल्दबाजी में उठाया है इसलिए उन्होंने इस्तीफे को उनके पास भेजकर नजरेसानी (पुनर्विचार) करने को कहा है।