जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने बाहर के वाहनों के लिए दोबारा पंजीकरण की याचिका खारिज

   

श्रीनगर, 29 अप्रैल । जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सरकार के उस सकरुलर को खारिज कर दिया जिसमें वाहनों के मालिकों से कहा गया था कि वे अपने वाहनों को फिर से पंजीकृत कराएं और रोड़ टैक्स का भुगतान करें।

जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अली मुहम्मद मगरे और न्यायमूर्ति विनोद चटर्जी कौल की एक खंडपीठ ने गुरुवार को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) द्वारा जारी परिपत्र को रद्द कर दिया, जिसमें जेएंडआर या पंजीकरण संख्या से बाहर के वाहनों के पुन: पंजीकरण की आवश्यकता थी और रोड़ टैक्स भुगतान के लिए भी अनुरोध किया गया था।

आरटीओ के परिपत्र को रद्द करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं के लिए पेश हुए एडवोकेट जहूर अहमद भट ने संवाददाताओं को बताया, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा आरटीओ द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, बाहरी पंजीकरण संख्या वाले वाहन मालिक जम्मू और कश्मीर या किसी अन्य राज्य में वाहनों को चला सकते हैं।

किसी भी टोकन टैक्स को फिर से पंजीकृत करने या भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के 3 को केवल एक अनुमान के आधार पर पंजीकृत वाहन पर नहीं लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के बाहर पंजीकृत एक वाहन जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में 12 महीने से अधिक की अवधि से मौजूद है।

आरटीओ द्वारा जारी आदेश ने स्थानीय कार बाजार को प्रभावित कर दिया था। बाहरी पंजीकरण संख्या वाले वाहनों के मालिकों ने उच्च न्यायालय के आदेश को एक बड़ी राहत बताया है।

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