‘जय श्री राम’ का नारा मौलिक अधिकार घोषित किये जाने को लेकर कलकत्ता HC में याचिका दायर

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कलकत्ता हाईकोर्ट में जय श्रीराम का नारा लगाना मौलिक अधिकार घोषित किया जाए, इस संबंध में याचिका दायर की गई है. याचिका में मांग की गई कि पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम का नारा लगाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. हालांकि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को स्‍थगित कर दिया और चार सप्ताह बाद सुनवाई के लिए रखा.

होना चाहिए मौलिक अधिकार

मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्‍णन की अध्यक्षता वाली खंडपीट के सामने याचिका दायर करते हुए वकील पार्थ घोष ने कहा कि जय श्रीराम का नारा लगाना नागरिकों का मौलिक अधिकार घोषित होना चाहिए. खबरों का हवाला देते हुए घोष ने कोर्ट से कहा कि भगवान राम का नारा लगाना या फिर उनकी पूजा अर्चना करने वालों को खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. यह कोई कानून नहीं है. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए और इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने चाहिए. हालांकि कोर्ट ने मामले में तत्काल कार्रवाई से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी है.

ममता के सामने लगे थे श्रीराम के नारे

गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही बीजेपी कार्यकर्ताओं ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफिले को रोकने का प्रयास करते हुए जय श्री राम के नारे लगाते हुए विरोध जताया था. विरोध प्रदर्शन को लेकर सीएम ममता ने सख्त कार्रवाई का आदेश दिया था. इसके बाद ममता के विरोध में देश भर में प्रदर्शन के दौर चले. उन्हें जय श्रीराम लिखे हुए पोस्टकार्ड और वाराणसी के संतों ने रामचरित मानस की प्रतियां भी डाक के द्वारा भेजी थीं.