जानिए, इराक़ में यजीदीयों की हालत अब कैसी है?

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आईएस की सत्ता इराक और सीरिया से अब खिसकने लगी है. लेकिन इसके बावजूद अल्पसंख्यक यजीदियों का बचना एक पहेली बना हुआ है. तस्वीर में नजर आ रही इस 38 साल की इस यजीदी महिला का नाम है बसेह हम्मो.

बलात्कार और हिंसा पीड़ित हम्मो आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की कैद से बची यह एक ऐसी महिला है जिन्हें तकरीबन 17 बार बेचा गया.

खरीद-फरोख्त के इस सिलसिले के चलते उन्हें आईएस के कब्जे में उत्तरी इराक और सीरिया के कई शहरों में ले जाया गया. इसी दौरान जब जनवरी 2019 के अंत में सीरियाई गांव बागोज पहुंची तो आईएस के एक सदस्य को उस पर दया आ गई.

उस सदस्य ने अपने परिवार के साथ हम्मो को ट्रक पर बिठाकर गांव से रवाना कर दिया. इसके बाद उसे आईएस के खिलाफ अमेरिकी नेतृत्व में लड़ रही सीरियाई कुर्दिश टुकड़ी ने उन्हें पकड़ लिया और कुछ दिन बाद उन्हें इराक पहुंची अपनी दो बहनों से मिला दिया.

अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय के लाखों लोग अब भी गायब हैं. करीब पांच साल पहले आईएस ने इराक के सिंजार क्षेत्र में बसे यजीदी गांवों और कस्बों में रहने वाली महिलाओं और बच्चों को अपहरण कर लिया था. सिंजार लगभग पूरी तरह तबाह हो गया. आईएस, यजीदी महिलाओं को सेक्स गुलाम बना कर रखता और बच्चों को जिहादी विचारधारा सिखाता था.

जब अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं ने बागोज पर हमला किया तो अब तक लापता तीन हजार यजीदियों में से कुछ के मिलने की उम्मीद बढ़ गई थी. लेकिन इस छोटे से गांव में जो हजारों लोग हमले के बाद बचाए जा सके उनमें से कुछ ही यजीदी थे.

इराक की स्थानीय कुर्दिश सरकार के भीतर यजीदी बचाव ब्यूरो चलाने वाले हुसैन कारो कहते हैं कि अब तक सिर्फ 47 यजीदी ही बचाए जा सके हैं.

साभार- ‘डी डब्ल्यू हिन्दी’