जानिए, मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में कहां है भारत?

   

अमेरिका ने बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में पुलिस हिरासत में मनमानी हत्याएं, जबरन लोगों को गायब कराना और उत्पीड़न शामिल हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में सेंशरशिप, सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मानहानि कानून का इस्तेमाल और साइटों को ब्लॉक करने जैसे मामले देखे गए।

विदेश मंत्रालय ने ‘2018 में मानवाधिकार मामलों पर देशों की रिपोर्ट’ में भारत के जिक्र वाले भाग में कहा कि भारत सरकार ने कुछ गैर सरकारी संगठनों को विदेशी आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगाया।

ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘(भारत में) मानवाधिकार मामलों में पुलिस हिरासत में मनमानी हत्याएं, लोगों को जबरन गायब कराना, उत्पीड़न एवं बलात्कार, मनमानी गिरफ्तारी एवं नजरबंद करना, जेल में मुश्किल हालात और जीवन को खतरा पैदा करने वाली स्थितियां शामिल हैं।

इसमें कहा गया है कि अन्य मानवाधिकार मामलों में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार, आपराधिक मामलों में जांच का अभाव या बलात्कार, घरेलू हिंसा, दहेज के कारण होने वाली हत्याओं एवं झूठे सम्मान की खातिर हत्याओं के मामलों के लिए जवाबदेही का अभाव शामिल है।

कांग्रेस की यह रिपोर्ट विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने जारी की। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘सेंशरशिप, सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मानहानि कानून का इस्तेमाल और साइट को ब्लॉक करने के मामले शामिल हैं।