जाने कौन है ये शख्स जिसकी मदद से हर साल 20 से 25 मुस्लिम नौजवान बनते है IAS!

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प्रधानमंत्री के ओएसडी रहे चुके और सच्चर कमेटी में अहम रोल निभाने वाला ये रिटायर्ड अफसर अब युवाओं को आईएएस-आईपीएस बनने की राह दिखा रहा है. अफसर और उनकी संस्था की मदद से हर साल 20 से 25 मुस्लिम और क्रिश्चियन युवा सिविल सर्विस की परीक्षा पास कर रहे हैं.20 दिसम्बर को आए यूपीएससी मेन्स एग्जाम के रिजल्ट में भी इस अफसर की संस्था के 29 युवाओं ने इंटरव्यू तक पहुंचने का रास्ता साफ किया है.

अप्रैल 2018 में यूपीएससी के इंटरव्यू में कामयाब उम्मीदवारों के रिजल्ट में इस संस्था से 26 युवा शामिल थे.युवाओं की संख्या बढ़ाने के लिए इस संस्था ज़कात फाउंडेशन के अध्यक्ष डां.सैय्यद ज़फर महमूद जमीअत उलेमा ए हिन्द की मदद से अब 3 एकड़ ज़मीन पर डासना में सर सैय्यद कोचिंग के लिए नई बिल्डिंग का निमार्ण करा रहे हैं.

ज़फर महमूद 2008 से युवाओं को सिविल सर्विस की तैयारी करा रहे हैं. अब तक 100 से अधिक युवा ज़कात की मदद से देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बन चुके हैं.16 और 18 सफल उम्मीदवारों से शुरु हुआ कामयाबी का सिलसिला अब 26 पर पहुंच चुका है.एक रिटर्न टेस्ट और इंटरव्यू के बाद देश के हर कोने से मेरिट के आधार पर युवाओं का चयन किया जाता है.

ज़फर महमूद बताते हैं,“दिल्ली में रखकर युवाओं को तैयारी कराई जाती है.युवाओं को अलग-अलग कोचिंग में भेजा जाता है.हॉस्टल में युवाओं के लिए रहना-खाना और स्टडी मेटेरियल तक का इंतज़ाम ज़कात फाउंडेशन की ओर से किया जाता है.युवाओं की तैयारी कैसी चल रही है और तैयारी में उन्हें मदद करने के लिए रिटायर्ड और सर्विस में मौजूद आईएएस,आईपीएस आईआरएस,आईएफएस सरीखे अधिकारियों की भी मदद ली जाती है.”

ज़फर महमूद बताते हैं,“मैं जब एएमयू में पढ़ता था तो मैं और मेरे कुछ दोस्त सिविल सर्विस की तैयारी करना चाहते थे.लेकिन मदद करने वाला कोई कोचिंग सेंटर नहीं था.दूसरा ये कि मैं खुद भी सच्चर कमेटी में रहा था. रिपोर्ट में जो हाल मैंने देखा तो उसके बाद लगा कि वाकई सिविल सर्विस की तैयारी कराने के लिए इस तरह का कोई सेंटर होना जरूर चाहिए.”