जिसने छोड़ा मोदी का साथ, उसका हुआ सत्यानाश- मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

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महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र में जनादेश यात्रा पर निकले हुए हैं. इस यात्रा के दौरान सीएम ने नागपुर ने कहा कि जिसने छोड़ा मोदी का साथ, उसका हुआ सत्यानाश. मोदी का साथ छोड़ने वाले को जनता कभी माफ नहीं करती. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को EVM मशीन में कमियां तलाशने के बदले अपनी हार का आत्मविश्लेषण करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष जिस ईवीएम को अपनी हार के लिए जिम्मेदार बता रहा है, उसी ईवीएम के सहारे उसने देश पर और विभिन्न राज्यों में चुनाव जीतकर शासन किया है.

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि विपक्ष द्वारा ईवीएम में खामियां निकालना यह दिखाता है कि उन्हें मतदाताओं पर विश्वास नहीं है. ईवीएम को दोष देने से पहले विपक्ष को इस बात का आत्मविश्लेषण करना चाहिए कि क्यों उनका संपर्क लोगों से टूट गया? फडणवीस ने पूर्वी महाराष्ट्र में ‘महा जनादेश यात्रा’ के दूसरे दिन कहा कि ‘आत्मविश्लेषण करना ईवीएम को दोष देने से बेहतर विकल्प है.’ उन्होंने कहा, ‘सच्चाई स्वीकार करने के बदले विपक्ष झूठ का सहारा ले रही है. ईवीएम की शुरुआत अभी नहीं की गई है.’

सीएम ने कहा कि अगर विपक्ष आत्मविश्लेषण करे तो मतदाता उनसे थोड़ी सहानुभूति जता सकते हैं. जनता से संपर्क करने के लिए इस व्यापक यात्रा में सहयोगी शिव सेना के शामिल नहीं होने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘यह यात्रा सरकार की नहीं है. यह बीजेपी की यात्रा है. शिवसेना भी एक यात्रा कर रही है. इसको लेकर संशय नहीं है.’ दरअसल बीजेपी और शिव सेना इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह विधानसभा चुनाव साथ-साथ लड़ रहे हैं लेकिन बीजेपी और शिवसेना के अलग अलग चुनावी अभियानों से साफ हो रहा है कि दोनों अपने बलबूते चुनाव जीतने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं. जहां एक तरफ बीजेपी के चुनावी यात्रा की अगुवाई देवेंद्र फडणवीस कर रहे हैं वहीं शिवसेना भी जन आशीर्वाद यात्रा कर रही है.

देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया है कि सीट बंटवारा का मुद्दा उनके लिए चुनावों में समस्या बन सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे पास सबके लिए जगह नहीं है. हमने अब हाउसफुल का बोर्ड लगा दिया है. सीट बंटवारे के मुद्दे पर बीजेपी और शिवसेना के बीच परेशानी आ सकती है. लेकिन अगर हमें कुछ गठबंधन में चुनाव लड़ना है तो हमें कुछ देना होगा और कुछ लेना होगा. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है.

बीजेपी को चिंता है कि इन चुनावों में उनके लिए कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी बड़ी वजह हो सकती है. बीजेपी कार्यकर्ता शरद पटेल ने शिवसेना के बारे में बात करते हुए कहा कि हमारे बीच उनके लिए थोड़ी नाराजगी जरूर है. लेकिन अगर वह हमारी विचारधारा को स्वीकार करते हैं तो हमें उनसे कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि देवेंद्र फडणवीस ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी को खारिज करते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता की कार्यकर्ताओं की नाराजगी कोई समस्या है, हमारे कार्यकर्ता जानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी ऐसा क्यों कर रही है.