जेएनयू में दीवारों पर पोस्टर को लेकर विवाद, छात्र संघ और प्रशासन आमने-सामने

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नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दीवारों पर पोस्टर को लेकर छात्र संघ और प्रशासन फिर आमने-सामने नजर आ रहे हैं। छात्र संघ का आरोप है कि छात्रों द्वारा बनाए गए पोस्टर जेएनयू की दीवारों से हटाए जा रहे हैं, जोकि प्रशासन की अनुचित कार्रवाई है। पोस्टर के जरिये छात्र विभिन्न मुद्दों पर अपनी बातें सबके समक्ष रखते हैं। इन पोस्टरों को हटाना एक तरह से छात्रों की आवाज को दबाना है, जिसे हम कामयाब नहीं होने देंगे। इसके विरोध में सोमवार सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, स्कूल ऑफ लैंग्वेज और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज जैसे विभागों में पोस्टर बनाए गए।

छात्र संघ अध्यक्ष एन साई बालाजी ने आरोप लगाते हुए कहा कि छात्रों की आवाज को लगातार दबाया जा रहा है। पुस्तकालय के 80 फीसद तक बजट को कम कर दिया गया है। अब दीवारों पर लगे पोस्टरों को भी हटाया जा रहा है, जोकि ठीक नहीं है। हम मंगलवार को कैंपस में मार्च निकालेंगे और विश्वविद्यालय की दीवारों पर छात्रों द्वारा तैयार किए गए पोस्टर को लगाएंगे। वहीं, जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ के आरोपों का खंडन किया है। रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से एक नोटिस जारी हुआ है, जिसमें कहा गया है कि दीवारों को गंदा करना अपराध है। जेएनयू में इस नोटिस को जारी किया गया है। इसलिए जेएनयू प्रशासन की तरफ से दीवारों से पोस्टर हटाए जा रहे हैं। प्रशासन ने जेएनयू के सभी विभागों और हॉस्टल में एक निर्धारित जगह भी छात्रों को दी है, जहां वे पोस्टर चिपका सकते हैं। इसे लोकतांत्रिक दीवार (डेमोक्रेसी वॉल) नाम दिया गया है।