जेएनयू VC का विवादित बयान, कहा- हॉस्टल में अवैध रूप से रह रहे हैं बाहरी छात्र

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में हाल में हुई हिंसा को लेकर आज यानी शनिवार को कुलपति एम जदगीश कुमार ने छात्रों से बात की। बातचीत के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जेएनयू के हॉस्टल में कई छात्र अवैध तरीके से रह रहे हैं। ये बाहरी भी हो सकते हैं। इसकी संभावना है कि हिंसा में इन छात्रों का हाथ हो सकता है।

साथ ही उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कुछ आंदोलनरत छात्रों ने दहशत फैलाने की कोशिश की। इस कारण से छात्रों को हॉस्टल छोड़कर जाना पड़ा। बीते कुछ समय से हमने कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी है।

आइशी घोष पर भी हिंसा फैलाने का आरोप
ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बीच मामले की जांच कर रही एसआईटी ने 60 सदस्यों वाले एक व्हाट्सऐप ग्रुप (यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट) के 37 लोगों की पहचान कर ली है। इससे पहले शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए 9 लोगों की पहचान की बात कही गई थी जिसमें, जेएनयूएसयू प्रेसिडेंट आइशी घोष का नाम भी शामिल था।

शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी करके दावा किया था कि जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष भी उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं, जबकि दो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीप) से जुड़े हैं।

हमलावरों के रूप में नाम लिए जाने के बाद जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष ने कहा कि मेरे पास भी सबूत हैं कि किस प्रकार मुझ पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं, उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।

ABVP के भी छात्रों की भी पहचान
हिंसा में आइशी घोष के अलावा जिन छात्रों की पहचान हुई है उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिय रंजन, शिवपूजन मंडल, डोलन, सुचेता तालुकदार और वसकर विजय के नाम शामिल हैं। जेएनयू हिंसा मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। पहला केस सर्वर रूम को नुकसान पहुंचाने का, दूसरा केस रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्रों के साथ मारपीट करने का और तीसरा केस हॉस्टल में घुसकर हमला करने का है।