जोधपुर में 11 पाकिस्तानी हिन्दुओं की मौत पर इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन

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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में गुरूवार को अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किए जिसमें उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई. प्रदर्शनकारी एक प्रवासी हिन्दू परिवार के 11 सदस्यों की भारत में रहस्यमय तरीके से हुई मौत के खिलाफ विरोध कर रहे थे. एक ही परिवार के ये सभी सदस्य पिछले महीने राजस्थान के जोधपुर में एक फार्म हाउस में मृत पाए गए थे. उनके रिश्तेदारों का आरोप है कि भारत की खुफिया एजेंसी ने उन्हें जहर दे कर मार डाला.

तब से ये लोग पाकिस्तान के दक्षिणी प्रांत सिंध में कई रैलियां निकाल चुके हैं. यह पहली बार था जब उन्होंने पाकिस्तान की राजधानी में प्रदर्शन किया. वे करीब आधी रात को “हमें न्याय चाहिए” के नारे लगाते हुए इस्लामाबाद पहुंचे. वे इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के पास धरना देना चाह रहे थे लेकिन पुलिस अधिकारियों ने उन्हें दूतावास तक पहुंचने नहीं दिया, जिसकी वजह से उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई.

नौ अगस्त को सभी 11 लोगों के मृत पाए जाने पर मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया था कि सभी ने खुद अपनी जान ले ली थी. इस्लामाबाद में एक अधिकारी ने बताया कि भारत ने इस मामले पर कोई रिपोर्ट साझा नहीं की थी. पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय के एक बड़े नेता रमेश कुमार गुरूवार को हुए प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे थे. उन्होंने बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की और भारत पर इस मामले में की गई शुरूआती पुलिस जांच के नतीजे जारी करने के लिए दबाव बनाने के लिए मदद मांगी.

पाकिस्तान से भारत आ कर दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ इलाके में रहने वाला हिन्दू शरणार्थियों का एक परिवार.

कुछ सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने एक हिन्दू व्यक्ति से पूछताछ की इजाजत भी मांगी है जो उन लोगों की मृत्यु के समय जोधपुर में उसी फार्म हाउस में था. कुरैशी से मुलाकात के दौरान रमेश कुमार ने उन्हें बताया कि जिस परिवार के सदस्य मारे गए थे उसके मुखिया की बेटी श्रीमती मुखी ने जहर दिए जाने के आरोप लगाए हैं. मुखी ने कुछ दिनों पहले स्थानीय मीडिया को बताया था कि उस परिवार पर भारत सरकार कथित रूप से दबाव डाल रही थी कि वो पकिस्तान की सरकार की निंदा करते हुए एक बयान जारी करें.

इन आरोपों पर अभी तक भारत ने आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है. पिछले सप्ताह, पाकिस्तान ने एक भारतीय राजनयिक को बुला कर जोधपुर की घटना पर चिंता व्यक्त की थी. उसके बाद एक सरकारी बयान में कहा गया था कि “भारत ने मौत के कारण और हालात के बारे में कोई भी मौलिक जानकारी नहीं दी है.” बयान में भारत से मामले की व्यापक जांच करवाने की मांग की गई.