झारखंड मॉब लिंचिंग मामले में 5 गुंडे गिरफ्तार, दो पुलिस अधिकारी भी सस्पेंड

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झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला जेल में तबरेज अंसारी की मौत मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो पुलिस पदाधिकारियों- खरसावां थाना प्रभारी चंद्रमोहन उरांव व सीनी ओपी प्रभारी विपिन बिहारी सिंह को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। दोनों पर लापरवाही बरतने व अपने वरीय पदाधिकारी की सूचना नहीं देने का आरोप है। वहीं, अब तक इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने इस मामले की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है।

मामले पर पुलिस प्रशास ने संज्ञान लेते हुए एसडीपीओ अविनाश कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर दिया है। एसआईटी में आरआईटी के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर, आदित्यपुर के थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर, सरायकेला थाना प्रभारी व नये खरसावां थाना प्रभारी को रखा गया है। एसपी के निर्देश पर एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।

सरायकेला थाना क्षेत्र के धतकीडीह में 17-18 जून की रात लगभग डेढ़ बजे चोरी की नीयत से बाइक पर पहुंचे तीन युवकों को ग्रामीणों ने देखा। इसके बाद हो हंगामा होने पर दो भाग निकले जबकि खरसावां थाना क्षेत्र के कदमडीहा के तबरेज अंसारी को ग्रामीणों ने पकड़ कर बिजली पोल से बांध पिटाई की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में तबरेज से जदबरन जय श्रीराम कहलवाने की कोशिश की गयी है।

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची सीनी ओपी पुलिस ने सुबह सात बजे ग्रामीणों की पिटाई से घायल तबरेज अंसारी को हिरासत में लिया। पुलिस ने इलाज कराने के बाद उसे जेल भेज दिया।

 
22 जून की सुबह तबरेज अंसारी की तबीयत जेल में एकाएक बिगड़ गयी। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन, परिजनों ने तबरेज के जिंदा होने की बात कह अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ते देख चिकित्सकों ने उसके परिजनों की डिमांड पर टाटा मुख्य अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन वहां भी जांच कर तबरेज को मृत घोषित कर दिया गया।