झारखंड सरकार ने माना, मोब लिंचिंग की वजह से हुई थी तबरेज अंसारी की मौत !

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झारखण्ड सरकार ने भी मान लिया है कि सरायकेला-खरसांवा में तबरेज अंसारी की मौत का कारण मॉब लिंचिंग था। सरायकेला-खरसांवा के उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने भी इसपर सहमति देते हुए मृतक तबरेज के आश्रित के लिए दो लाख रुपये की मुआवजा राशि आवंटित कर दी है। सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याण पुनर्वास मद से झारखंड विक्टिम कंप्नशेसन योजना-2012 के तहत यह राशि दी गई है।

इस योजना के तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर भी पीडि़त को मुआवजा दिया जाता है। जैसे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए व्यक्ति के आश्रित को मुआवजा, उग्रवादी ङ्क्षहसा में मारे गए व्यक्ति के आश्रित को मुआवजा, दंगा के दौरान मारे गए या जख्मी के आश्रित को मुआवजा आदि शामिल है। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी अभियोजन निदेशक राज कुमार सिंह ने सभी चार जिलों सरायकेला-खरसांवा, बोकारो, धनबाद व रामगढ़ के उपायुक्तों को राशि आवंटन संबंधित रिपोर्ट भेज दिया है।

बता दें की  सरायकेला के उपायुक्त ने गृह विभाग को रिपोर्ट भेजकर तबरेज अंसारी की मौत से संबंधित पूरी जानकारी दी थी। गत 17 जून की रात कदमडीहा गांव के लोगों ने तबरेज अंसारी को चोरी के आरोप में पीटा था। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था। 18 जून को सुबह पांच बजे घटना की सूचना पाकर सुबह पुलिस मौके पर पहुंची और तबरेज को बचाई।

ग्रामीणों ने तबरेज के खिलाफ चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने प्राथमिक इलाज कराने के बाद तबरेज को सरायकेला जेल भेज दिया था। जेल में 22 जून को तबरेज अंसारी की हालत नाजुक हो गई। वह बेहोश हुआ तो पुलिस उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल ले गईई, जहां उसकी मौत हो गई। तबरेज के परिजनों की शिकायत पर धातकीडीह के पप्पू मंडल समेत 100 अन्य लोगों पर हत्या की नीयत से तबरेज को पीटने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।