पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इडिया के महासचिव एम. मुहम्मद अली जिन्ना ने आज एक बयान जारी करते हुए कुछ स्थानीय समाचार पत्रों में आई ख़बरों का खंडन किया है, जिनमें यह कहा गया है कि झारखण्ड में पाॅपुलर फ्रंट को प्रतिबंधित किये जाने के बावजूद भी राज्य में संगठन की गतिविधियां अभी भी जारी हैं।
उन्होंने आगे कहा कि झारखण्ड की सभी यूनिटों के सभी मेम्बरों को उसी दिन से संगठन की गतिविधियां बंद करने का निर्देश दिया गया है, जिस दिन दोबारा प्रतिबंध लगाया गया था। यहां तक कि सरकार के इस अलोकतांत्रिक फैसले की निंदा करते समय भी किसी तरह की गतिविधी न करने का निर्देश दिया गया है।
एम. मुहम्मद अली जिन्ना ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा किः ‘‘हमारे संगठन की पाॅलिसी यह है कि प्रतिबंध हटाने के लिए कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया जाएगा और दोबारा गतिविधियां शुरू करने के लिए कोर्ट का फैसला आने तक इंतज़ार किया जाएगा। इस बार भी प्रतिबंध को लेकर वही आरोप लगाए गए हैं जो पिछले प्रतिबंध के समय लगाए गए थे। पिछली बार हमने प्रतिबंध को कानूनी तौर पर चैलंेज किया था और रांची हाई कोर्ट ने प्रंितबंध को खारिज कर दिया था। हमें उम्मीद है कि इस बार भी फैसला हमारे हक़ में ही आएगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह बदनाम करने के लिए गलत ख़बरें छापने वाले अख़बारों के खिलाफ काूननी कदम उठाया जाएगा, जिन्होंने यह लिखा है कि पाॅपुलर फ्रंट का संबंध आतंकवादी संगठनों से है और उसके कार्यकर्ता प्रंितबंध के बाद फिर से संगठित हो रहे हैं।