ट्रंप वार्ता पेशकश पर हसन रूहानी का इनकार, बताई ये ये बड़ी वजह !

,

   

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन को बर्खास्त करने के बाद अमेरिका ने संकेत दिए कि वह ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी के साथ बिना किसी पूर्व शर्त वार्ता करने को तैयार है। लेकिन ईरान ने वार्ता की किसी भी संभावना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। रूहानी ने कहा, अमेरिका युद्ध उकसाने की अपनी नीति में विफल रहेगा।

ट्रंप ने बोल्टन की बर्खास्तगी के पीछे यह कारण भी बताया कि उनका ईरान के प्रति रुख सही नहीं रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति के दो शीर्ष लेफ्टिनेंटों ने संकेत दिया था कि ट्रंप बिना पूर्व शर्त के ईरानी राष्ट्रपति के साथ बैठक को तैयार हैं।

हालांकि विदेश मंत्री पोम्पियो और वित्तमंत्री स्टीवन म्नुचिन ने ईरान के खिलाफ ‘अधिकतम दबाव’ जारी रखने की बात कही। उधर, ईरान के राष्ट्रपति ने चेताया कि वह 2015 की एटमी संधि से अपनी प्रतिबद्धताएं कम करने को लेकर पूरी तरह तैयार है।

संयुक्त राष्ट्र में ईरानी दूत माजिद तख्त रवांची ने भी कहा कि ‘बोल्टन को हटाने का फैसला अमेरिका का आंतरिक मामला है। वार्ता तभी हो सकती है जब अमेरिका तेहरान के खिलाफ लगाए प्रतिबंधों को हटाकर आर्थिक आतंकवाद बंद करे।’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी वार्ता 2015 के परमाणु समझौते में शामिल अन्य महाशक्तियों के समूह के ढांचे में होनी चाहिए।

अमेरिकी प्रतिबंधों की हार है बोल्टन की बर्खास्तगी : ईरान

तेहरान। ईरानी राष्ट्रपति के एक सहयोगी ने कहा कि अमेरिकी एनएसए बोल्टन को बर्खास्त करना इस बात का स्पष्ट इशारा है कि ईरान के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध असफल रहे हैं। रूहानी के सहयोगी हेसमदिनदीन अश्ना ने ट्वीट किया कि बोल्टन का हाशिए पर होना और फिर निष्कासन कोई हादसा नहीं बल्कि ईरान के विरुद्ध अमेरिकी दबाव की रणनीति की स्पष्ट हार है।

उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे पास ईरान पर थोपे गए अमेरिकी दृष्टिकोण का प्रबंधन करने की ताकत है। उन्होंने कहा कि ईरान के खिलाफ हुई नाकेबंदी जल्द ही टूट जाएगी।