डीयू-जेएनयू में महाराष्ट्र सरकार का फूंका पुतला

   

नई दिल्ली, 4 नवंबर । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस तथा जेएनयू में रिपब्लिक मीडिया के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी की गिरफ्तारी के विरोध में महाराष्ट्र सरकार का पुतला फूंका। महाराष्ट्र सरकार के विरोध में छात्रों ने मीडिया की स्वतंत्रता पर हुए इस हमले के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया है। अभाविप का स्पष्ट मत है कि इस प्रकार की बदले की भावना से एक पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई, भारत के लोकतंत्र पर अघोषित हमला है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में छात्रों के साथ अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी मौजूद रहीं। अभविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने इस घटना को भारतीय प्रेस की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया, साथ ही उन्होंने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ की गिरफ्तारी को पूर्णत बदले की भावना से की गई कार्यवाही बताते हुए, इसको अत्यंत शर्मनाक बताया, निधि ने कहा, महाराष्ट्र सरकार के काम करने के रवैये ने आपातकाल के दौर की याद दिला दी है।

वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ दिल्ली सरकार द्वारा डीयू के राज्य वित्तपोषित कॉलेजों के टीचिंग तथा नॉन टीचिंग स्टाफ का वेतन अवैध ढंग से स्टूडेंट्स सोसायटी फंड से दिए जाने के निर्णय के खिलाफ विरोध कर रहा है।

डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया ने कहा, कोरोना काल में पहले से ही छात्र परेशान हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार लगातार छात्रों को अलग-अलग तरीकों से परेशान करने का काम कर रही है। हमने राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों के छात्र प्रतिनिधियों तथा एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सोसाइटी के प्रतिनिधियों से बात की है, वे भी सरकार के इस छात्र विरोधी निर्णय के खिलाफ हैं। हम इस निर्णय के खिलाफ न्यायालय में याचिका दाखिल करेंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की इस मुहिम को विश्वविद्यालय प्रशासन एवं दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का भी समर्थन हासिल है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ भी छात्रों की सोसाइटी फंड से शिक्षकों को वेतन दिए जाने के खिलाफ है। शिक्षकों का कहना है कि वेतन के लिए दिल्ली सरकार को तुरंत ग्रांट जारी करनी चाहिए।

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