इस संबंध में अल जजीरा अखबार ने तंदूर बनानेवाले एक श्रमिक का इंटरव्यू लिया है। श्रमिक ने बताया कि खशोगी के शरीर को पूरी तरह से जलाकर खत्म करने के लिए बहुत बड़ा तंदूर बनाया गया था जिसका आकार काफी बड़ा था। इस तंदूर पर 1000 डिग्री तक के तापमान का असर नहीं पड़ सकता था। रिपोर्ट के मुताबिक दूतावास में खशोगी की हत्या के बाद शव के टुकड़े करने के बाद उसे तंदूर में जलाया गया। इस डाक्यूमेंट्री में दूतावास की दीवारों पर खशोगी के खून के छींटे मिलने का दावा भी किया गया है, जिसका दोबारा रंग-रोगन कराया गया। बता दें कि पिछले साल 2 अक्तूबर को खशोगी की हत्या हुई थी।
उसी तंदूर में मीट भी पकाया गया
अलजजीरा ने तुर्की के वरिष्ठ अधिकारियों, खशोगी के मित्रों समेत काफी लोगों से चर्चा की। खशोगी मौत मामले की जांच करनेवाले अधिकारियों ने अखबार को बताया कि हत्या के सभी सबूत मिटाने के लिए जिस तंदूर में खशोगी के शरीर के टुकड़े जलाए गए, बाद में उसमें मीट भी पकाया गया था।