तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में मिले साक्ष्य, फिर से लगी दफा 302

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बहुचर्चित तबरेज़ अंसारी मॉब लिंचिंग मामले में झारखंड पुलिस ने अभियुक्तों के ख़िलाफ़ फिर से दफ़ा-302 के तहत कार्यवाही की अपील की है. सरायकेला खरसांवा की जिला अदालत में पूरक आरोप पत्र दाखिल कर पुलिस ने कहा है कि इस मामले में उन्हें अब अभियुक्तों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की दफा-302 के तहत इरादतन हत्या का मुक़दमा चलाने लायक साक्ष्य मिल गए हैं.

झारखंड के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) और प्रवक्ता मुराली लाल मीणा ने बीबीसी से बातचीत में इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि इस बारे में एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. उसमें उन सारी बातों का उल्लेख है, जिसकी वजह से फिर से दफ़ा 302 लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले के सभी 13 अभियुक्त अब इरादतन हत्या के आरोपों के तहत न्यायिक प्रक्रिया का सामना करेंगे.

ग़ौरतलब है कि तबरेज़ अंसारी की पत्नी शाइस्ता परवीन ने दो दिन पहले सरायकेला खरसांवा के डीसी और एसपी से मिलने के बाद कहा था कि अगर उनके शौहर की हत्या के अभियुक्तों के ख़िलाफ़ फिर से दफ़ा-302 नहीं लगायी गई, तो वे भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी और यह हड़ताल उनकी जान जाने तक जारी रहेगी. इससे पहले दिल्ली में झारखंड भवन के सामने हुए प्रदर्शन में सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने झारखंड पुलिस और सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी.

उनका आरोप था कि तबरेज़ अंसारी की मॉब लिंचिंग के अभियुक्तों को बचाने के लिए पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ इरादतन हत्या (दफ़ा-302) के बजाय गैर इरादतन हत्या (दफा-304) की चार्जशीट की है. इससे न्याय प्रभावित होगा. ऐसी ही बात परवेज़ अंसारी के परिवारवालों ने कही थी.