तबरेज अंसारी मोब लिंचिंग मामले में हत्या की धारा हटाने पर डॉक्टरों ने किया बड़ा खुलासा !

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झारखंड में चोरी के कथित आरोपी 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की करीब चार महीने पहले भीड़ द्वारा पिटाई के बाद अस्पताल में मौत मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। ताजा घटनाक्रम के अनुसार अंसारी का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने मामले में मर्डर की धारा हटाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अंसारी की हत्या हुई थी, हमारे निष्कर्षों को गलत तरीके से पेश किया गया।

बता दें अंसारी की पिटाई से चार दिन बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। जिसके बाद झारखंड पुलिस ने 11 आरोपियों पर धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस ने हाल ही में इस मामले में हत्या की धारा हटा दी थी। अब डॉक्टरों के ताजा बयान से यह मामला नया मोड़ ले सकता है।

टाइम्स नाउ की खबर के मुताबिक, डॉक्टरों ने तबरेज अंसारी की हत्या की पुष्टि की और कहा कि पुलिस ने आरोपियों को कानून के हाथों से बचाने के लिए मामले को गलत तरीके से पेश किया। डॉक्टरों का कहना है- हमारे निष्कर्षों का गलत अर्थ निकाला गया है।

वहीं पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि कहा था कि अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने (कार्डियक अरेस्ट) से हुई और यह पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है। पुलिस ने इससे पहले अंसारी की पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया था।

वहीं तबरेज अंसारी की पत्नी एस परवीन का भी कहना है कि उनके पति को मौत के घाट उतार दिया गया था। परवीन ने कहा कि पहले इस मामले में धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में प्रशासन के प्रभाव में धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) में बदल दिया गया। अंसारी की पत्नी ने कहा कि दोषियों को बचाने की कोशिश हो रही है, मैं चाहती हूं कि सीबीआई से मामले की जांच करानी चाहिए, ताकि न्याय मिल सके।

गौरतलब है कि 18 जून को धातकीडीह गांव में भीड़ ने अंसारी को एक पोल से बांध दिया था और उस पर चोरी का आरोप लगाकर मारपीट की थी। उसे कथित तौर पर जय श्री राम और जय हनुमान बोलने के लिए भी मजबूर किया गया था।

हमले के बाद, अंसारी को पुलिस ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था और न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। चार दिन बाद, उसे एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने मारपीट में घायल होने के कारण दम तोड़ दिया।