तलाशी के नाम पर मदरसों के छात्रों का मानसिक उत्पीड़न किया जाता है- दारुल उलूम देवबंद

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विश्व प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्था दारुल उलूम देवबंद के प्रबंधतंत्र ने किसी भी अप्रिय घटना से मदरसा छात्रों को बचाने के लिए ने निर्देश जारी करते हुए छात्रों को गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर यात्रा न करने की हिदायत दी है। साथ ही यह भी कहा है कि यदि यात्रा बेहद आवश्यक हो तो सफर के दौरान किसी भी व्यक्ति से बहस न करें और काम पूरा होने पर तुरंत वापस मदरसे में लौट आएं।

दारुल उलूम देवबंद के छात्रावास विभाग द्वारा संस्था के मुख्य द्वार पर नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें विभाग के प्रभारी मौलवी मुनीर के हस्ताक्षर युक्त नोटिस में मदरसा छात्रों को संबोधित करते हुए लिखा गया है कि रिपब्लिक-डे के मौके पर छात्र विभिन्न स्थानों पर जाते हैं। यात्रा के दौरान जगह-जगह पर चैकिंग होती है।

मानसिक उत्पीडऩ किया जाता है, जिसके चलते डर और खौफ का माहौल बन जाता है। इन हालात को ध्यान में रखते हुए छात्रों को हिदायत दी जाती है कि वे गणतंत्र दिवस के अवसर पर बिना जरूरत यात्रा करने से बचें। अगर यात्रा आवश्यक हो तो एहतियात के साथ सफर करें।

सब्र का दामन न छोड़ें और किसी भी व्यक्ति से बहस न करें। साथ ही काम पूरा होते ही तुरंत वापस लौट आएं। दारुल उलूम देवबंद ने छात्रों के लिए जो नोटिस चस्पा किया है, उसका समर्थन करते हुए देवबंदी आलिम मुफ्ती असद कासमी ने कहा की छात्रों के लिए यह फरमान जारी किया गया है।

मुफ्ती असद कासमी मदरसा जामिया शैखुल हिन्द के मोहतमिम हैं। 26 जनवरी के मौके पर तिरंगा फहराने के बाद में तलबाओं की छुट्टी हो जाती है। छात्र इसको देखते हुए सोचते हैं कि वे अपने दोस्तों के पास में घूमने को निकल जाएं।

उसको देखते हुए दारुल उलूम देवबंद ने छात्रों को हिदायत दी है कि ऐसे मौके पर कहीं सफर न करें। अगर किसी को जरूरत है तो सफर के बाद फौरन दारुल उलूम देवबंद का रुख करें। ऐसे मौके पर चैकिंग होती है और कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है।

ऐसे में तलबाओं को इस तरह के हालात का सामना न करना पड़े, उसको देखते हुए छात्रों से यह अपील की गई है। उनसे यह भी कहा गया है कि सफर के दौरान किसी से बहसबाजी न करें।

साभार- ‘रॉयल बुलेटिन’
Link- http://www.royalbulletin.com/category/national-news/–145125