तीन तलाक बिल का जनता दल यूनाइटेड संसद में करेगी विरोध

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जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव और नीतीश सरकार में मंत्री श्याम रजक ने दो टूक शब्दों में कहा है कि उनकी पार्टी तीन तलाक के मुद्दे पर अपने पुराने स्टैंड पर कायम है. उन्होंने साफ कहा कि पार्टी सदन में तीन तलाक के नए बिल का विरोध करेगी.

मोदी सरकार संसद के आगामी सत्र में नए सिरे से तीन तलाक बिल को पेश करेगी. तीन तलाक से जुड़े ऑर्डिनेंस को बुधवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में मंजूरी दी गई थी. बीजेपी उम्मीद कर रही है कि राज्यसभा में इस बिल पर मुहर लग जाए.

वैसे ये पहली बार नहीं है, जब जेडीयू ने बीजेपी से अलग स्टैंड लिया हो. इससे पहले धारा 370 के मुद्दे पर जेडीयू ने बीजेपी के स्टैड का विरोध किया था. जदयू ने भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है. जदयू ने कहा है कि राज्यसभा में पार्टी तीन तलाक बिल का समर्थन नहीं करेगी.

”यह मामला एनडीए से नहीं जुड़ा”

श्याम रजक ने कहा कि हमारे विरोध की वजह से ही तीन तलाक का बिल राज्यसभा में नहीं आ पाया था. तीन तलाक बिल को लेकर जेडीयू की राय पहले से ही साफ है. चूंकि यह समाज से जुड़ा मसला है. इसलिए जेडीयू का मानना है कि इस मामले को समाज को ही तय करने देना चाहिए. वहीं, जब उनसे पूछा गया कि वह एनडीए में रहकर सरकार का विरोध कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि यह मामला एनडीए से नहीं जुड़ा है बल्कि यह सरकार से जुड़ा हुआ मुद्दा है. इसलिए मुद्दे को लेकर जेडीयू की राय बिल्कुल स्पष्ट है.

संसद सत्र के दौरान पेश किया जाएगा बिल

बजट सत्र में तीन तलाक बिल लेकर आएगी, सरकार तीन तलाक बिल 17 जून से शुरू हो रहे संसद के सत्र के दौरान पेश किया जाएगा. इस सत्र में 4 जुलाई को आर्थिक सर्वे के बाद अगले दिन यानी 5 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा. तीन तलाक बिल पिछली सरकार में लोकसभा में तो पारित हो गया था लेकिन आखिरी वक्त तक ये बिल राज्यसभा में अटका रह गया, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध किया था. विपक्ष इस बिल में कुछ संशोधन की मांग कर रहा था. 16वीं लोकसभा भंग होने के साथ ही ये बिल भी निष्प्रभावी हो गया था.

केंद्र में शामिल नहीं है जदयू

बता दें कि बिहार में लोकसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ने वाली जदयू केंद्र सरकार में भी शामिल नहीं हुई है. बिहार की 16 सीटों पर चुनाव जीतने के बाद भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिर्फ एक सीट मिलने से नाराज जदयू ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से इन्कार कर दिया था.