तो क्या इस वजह से कब्रिस्तान में जाकर जोर-जोर से चिल्लाते थे कादर खान?

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साल 2019 के पहले ही दिन देशभर में मताम छा गया है. दरअसल बॉलीवुड के मशहूर एक्टर कादर खान का निधन हो गया है जिसके कारण जश्न का माहौल मातम में बदल गया है. पिछले कुछ दिनों से कादर खान कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती थे लेकिन इसी बीच उन्होंने 31 दिसंबर की शाम 6 बजे अंतिम सांस ली. कादर खान के निधन की खबर सुनकर पूरे बॉलीवुड में शोक का माहौल बन गया है.

आपको बता दें कादर खान का जन्म 22 अक्टूबर 1935 में अफगानिस्तान के काबुल में हुआ था. कादर खान ने अपना बचपन बहुत गरीबी में गुजरा था. जी हाँ… कादर खान की मां उन्हें पढ़ने के लिए मस्जिद भेजा करती थी और फिर वो मस्जिद से भागकर कब्रिस्तान चले जाते थे. कब्रिस्तान जाकर कादर खान घंटों चिल्लाते थे. कादर खान की इस आदत के बारे में किसी ने फिल्म रोटी के एक्टर अशरफ खान को बताया कि एक लड़का कब्रिस्तान में बैठकर चिल्लाता है. उस समय अशरफ खान को एक नाटक की लिए ऐसे ही लड़के की तलाश थी जिसके बाद उन्होंने कादर खान को रोल दे दिया.

धीरे-धीरे उन्होंने नाटक में काम करना शुरू कर दिया. फिर एक नाटक में दिलीप कुमार की नजर कादर खान पर पड़ी थी और उन्होंने अपनी फिल्म सगीना के लिए उन्हें साइन कर लिया. उन्होंने अपने करियर में 300 से भी ज्यादा फ़िल्में की है. कादर खान और गोविंदा की जोड़ी बॉलीवुड की मशहूर जोड़ियों में से एक रही हैं. सुनने में आया था कि उनके दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था और साथ ही वो भी किसी से बातचीत नहीं कर रहे थे. सुनने में आया है कि उनका अंतिम संस्कार मुंबई में होगा.