कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मेरठ के अस्पताल में मुलाकात की हैं। खबरों के मुताबिक, चंद्रशेखर से मिलने के दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि ने इन्होंने जो संघर्ष किया वह काबिले तारीफ है।
इस संघर्ष को देखने के बाद ही मैं मिलने के लिए आई हूं।” उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, “यह सरकार इतनी अंहकारी बन गई है कि एक नौजवान को कुचलना चाहती है।
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सरकार ने रोजगार तो दिया नहीं अब आवाज उठाने वालों को कुचलने का काम कर रही है।” खबरों के मुताबिक, दोनों नेता मेरठ में चंद्रशेखर से मुलाकात के लिए एक निजी अस्पताल पहुंचे हुए थे जहां उनका इलाज किया जा रहा है।
Priyanka Gandhi meets Bhim Army chief Chandrashekhar Azad in Meerut hospital, BJP calls it 'election stunt'#ITVideo
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इस दौरान चंद्रेशखर के साथ मौजूद उनके राष्ट्रीय महासचिव कमल सिंह ने बताया कि प्रियंका गांधी निश्चित तौर पर वो एक सुलझी हुई राजनेता है। हम उनका सम्मान करते हैं। हमारी लड़ाई का किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं है लेकिन मोदी और योगी सरकार हमें कुचलना चाहती है।
Meerut: Congress General Secretary for UP (East) Priyanka Gandhi Vadra meets Bhim Army chief Chandrashekhar who is undergoing treatment at a hospital. pic.twitter.com/e4QPUJolzW
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 13, 2019
भीम आर्मी के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी कुवंर देवेन्द्र सिंह ने प्रियंका गांधी से मुलाकात पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का चंद्रशेखर से मिलने आना यह बताता है कि वो एक परिपक्व नेता है। उन्होंने चंद्रशेखर के प्रयासों को सराहा जिसके लिए भीम आर्मी उनकी आभारी है।
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मेरठ के अस्पताल में अपने रिश्तेदार से मिलने पहुंचे मुजफ्फरनगर के वकील असद जमा ने बताया कि जैसे ही प्रियंका गांधी वहां पहुंचीं तो मरीजों के परिजनों में उनसे मिलने की होड़ मच गई।
Priyanka Gandhi meets Bhim Army chief Chandrashekhar Azad in a Meerut hospital. Says visit should not be politicised pic.twitter.com/jMIFnycP0t
— HTN Tiranga TV (@NewsHtn) March 13, 2019
उन्होंने बताया कि प्रियंका गांधी ने किसी को निराश नहीं किया और सभी से मुलाकात की। असद जमा के मुताबिक उन्होंने भी प्रियंका गांधी से बात की और प्रियंका गांधी ने बेहद सहजता के साथ उनसे उनका नाम पूछा।
Meerut: Congress General Secretary for UP (East) @priyankagandhi meets Bhim Army chief Chandrashekhar who is undergoing treatment at a hospital pic.twitter.com/yGKrpExGxK
— IBC24 News (@IBC24News) March 13, 2019
इस मुलाकात से पहले चन्द्रशेखर ने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरेंगे। उन्होंने आगे कहा कि पहले तो अपने संगठन से कोई मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे और अगर उम्मीदवार नहीं मिला तो वह स्वयं मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
उन्होंने बुधवार को यहां जारी एक वीडियो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कल (मंगलवार) देवबंद में उनकी पदयात्रा उन्हीं के इशारे पर रोकी गई थी। उन्होंने कहा, “हमारे पास पदयात्रा की अनुमति थी।
लेकिन प्रशासन और सरकार इस बात को लेकर झूठ फैला रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “15 मार्च को दिल्ली में बहुजन हुंकार रैली होगी। इसमें बड़ी संख्या में लोग भाग लेंगे। चाहे जो इसे रोकने का प्रयास करे, अब यह रुकेगा नहीं।”
चंद्रशेखर ने कहा, “समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को अभी प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख साफ करना होगा। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह अपने बयान से लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं।”
https://youtu.be/nhfp2X_BRdg
गौरतलब है कि भीम आर्मी के समर्थक सोमवार को सहारनपुर से मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हुए थे। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी की रैली को 15 मार्च तक दिल्ली पहुंचना था। इसलिए भीम आर्मी के समर्थक हाथों में संगठन के नीले झंडे और तिरंगे लेकर जुलूस निकालते हुए जा रहे थे, तभी उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
पुलिस ने रोकते हुए कहा कि जुलूस से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा था, जबकि भीम आर्मी के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने प्रशासन से इसकी अनुमति मांगी थी। जिसके बाद चन्द्रशेखर को पुलिस ने देवबंद में आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था। बाद में उनकी तबीयत खराब होने पर मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
भीम आर्मी एक बहुजन संगठन है, जिसे भारत एकता मिशन भी कहा जाता है। ये दलित चिंतक सतीश कुमार के दिमाग की उपज है। इसे 2014 में चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ और विनय रतन आर्य ने हाशिए वाले वर्गों के विकास के लिए स्थापित किया गया।
चंद्रशेखर का जन्म सहारनपुर में चटमलपुर के पास धडकूलि गांव में हुआ था। जिले के एक स्थानीय कॉलेज से उन्होंने कानून की पढ़ाई की। वो पहली बार 2015 में विवादों में घिरे थे। उन्होंने अपने मूल स्थान पर एक बोर्ड लगाया थ