दाम घटने से विदेशों में बढ़ी भारतीय प्याज की मांग, निर्यात में इजाफा

   

नई दिल्ली, 15 मार्च । प्याज की महंगाई से पिछले महीने तक देश के उपभोक्ता परेशान थे, लेकिन अब रबी सीजन की फसल की आवक बढ़ने पर दाम में भारी गिरावट आई है। दाम घटने से विदेशों में भारतीय प्याज की मांग बढ़ गई है। पिछले साल के आखिर तक भारत घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए प्याज का आयात कर रहा था, लेकिन इस साल की शुरुआत से ही निर्यात करने लगा है। कारोबारी बताते हैं कि विदेशों से मांग बढ़ने से इस महीने देश से प्याज का निर्यात तकरीबन दो लाख टन पहुंच सकता है।

देश की राजधानी दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में सोमवार को प्याज का थोक भाव सोमवार को 7.50 रुपये से 22.50 रुपये प्रति किलो था, जबकि मॉडल रेट 15.75 रुपये प्रति किलो। प्याज के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की थोक मंडियों में भी प्याज का भाव करीब 13 रुपये से 14 रुपये प्रति किलो चल रहा है। यह जानकारी बाजार सूत्रों ने दी।

आजादपुर मंडी पोटैटो ऑनियन मर्चेट एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र शर्मा ने बताया कि, बीते एक महीने में प्याज का भाव घटकर आधा रह गया है। दाम घटने से देश से प्याज के निर्यात ने जोर पकड़ा है।

हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित शाह ने आईएएनएस को बताया कि, प्याज की निर्यात मांग जबरदस्त है और इस महीने दो लाख टन प्याज का निर्यात हो सकता है और अगले महीने से उससे भी ज्यादा निर्यात हो सकता है। ऐसे में प्याज निर्यात पिछले साल सीजन के दौरान के औसतन हर महीने के आंकड़े के ऊपर जा सकता है।

पिछले साल देश में प्याज की महंगाई को काबू करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 14 सितंबर 2000 को आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले भारत औसतन हर महीने 2.18 लाख टन प्याज का निर्यात कर रहा था। यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हाल ही में संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

केंद्रीय मंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटने के बाद इस साल जनवरी में भारत ने 56,000 टन और फरवरी में 31,000 टन प्याज का निर्यात किया, जबकि पिछले साल दिसंबर के आखिर तक भारत ने 65, 546 टन प्याज का आयात किया था।

भारत पड़ोसी देश बांग्लादेश, श्रीलंका समेत कई अन्य देशों को प्याज निर्यात करता है।

अजित शाह ने बताया कि इस समय प्याज निर्यात का मूल्य 275 डॉलर प्रति टन (एफओबी) है और इस भाव पर निर्यात मांग जोरदार बनी हुई है। प्याज का निर्यात बढ़ने से घरेलू बाजार में दाम बढ़ने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि देश में इस साल प्याज की बंपर पैदावार है, इसलिए घरेलू दाम बढ़ने की संभावना नहीं है।

केंद्र सरकार ने इस साल प्याज का बफर स्टॉक दो लाख टन बनाने का लक्ष्य रखा है और नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) अगले महीने से प्याज की खरीद शुरू करने वाली है। सरकारी एजेंसी पहले महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश से प्याज खरीदती थी, लेकिन इस साल चार और राज्य तमिलनाडु, कर्नाटक, आंधप्रदेश और तेलंगाना से भी प्याज खरीदेगी।

Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.